Himachal News: दिव्यांग कल्याण संघ जिला सिरमौर की विशेष बैठक नाहन में संपन्न हुई। रानी झांसी पार्क में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता राजेंद्र कुमार ने की। जिले की सभी विधानसभा इकाइयों के अध्यक्षों ने इस महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। बैठक में दिव्यांगों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
संघ ने दिव्यांगों के लिए निजी बसों में भी मुफ्त यात्रा की सुविधा की मांग रखी। इसके साथ ही दिव्यांग जनों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने की भी मांग उठाई गई। ये मांगें दिव्यांग समुदाय के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से रखी गईं।
कोटा और पदोन्नति में अनियमितताओं पर चिंता
संगठन ने वर्ष 1995 और 2016 के न्यायालयीन आदेशों के पालन न होने पर गंभीर चिंता जताई। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद विभागों में पदोन्नति प्रक्रिया को नजरअंदाज किया जा रहा है। इस मामले में तत्काल सुधार की आवश्यकता बताई गई।
भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण कोटे का पूर्ण रूप से पालन सुनिश्चित करने की मांग की गई। संगठन का कहना है कि शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षित पदों को उन्हीं के द्वारा भरा जाना चाहिए। इस संबंध में उचित कार्यवाही की अपेक्षा की गई।
रोस्टर प्रणाली लागू करने की मांग
विभिन्न विभागों में मानव संसाधन अधिकार के तहत रोस्टर लागू किए जाने की मांग उठाई गई। इससे दिव्यांग कर्मचारियों के अधिकारों का बेहतर ढंग से संरक्षण हो सकेगा। रोस्टर प्रणाली के कार्यान्वयन से पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी। संगठन ने इस दिशा में त्वरित कार्रवाई की मांग की।
बैठक में जसवीर, धर्म सिंह और ओम प्रकाश सहित कई सदस्य उपस्थित रहे। महेंद्र सिंह, कैलाश और जयमंति ने भी अपने विचार रखे। मोहित कुमार, रवि और महेश ने बैठक में सक्रिय भागीदारी निभाई। सभी उपस्थित सदस्यों ने दिव्यांग हितों के लिए एकजुटता दिखाई।
दिव्यांगों के लिए समावेशी सुविधाओं पर जोर
संगठन ने परिवहन और शिक्षा क्षेत्र में विशेष सुविधाओं के विस्तार पर बल दिया। निजी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा से दिव्यांगों की गतिशीलता बढ़ेगी। शिक्षा के क्षेत्र में निःशुल्क सुविधाएं प्रदान करने से उनके विकास के अवसर बढ़ेंगे। ये कदम दिव्यांग समुदाय के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
बैठक में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग से समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमति बनी। दिव्यांग जनों के कल्याण के लिए संस्थागत ढांचे को मजबूत करने पर चर्चा हुई। सभी हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की दिशा में विचार-विमर्श किया गया।
न्यायालयीन आदेशों के क्रियान्वयन की स्थिति
संगठन ने न्यायालय के आदेशों के पालन में देरी पर गहरी नाराजगी जताई। वर्ष 1995 और 2016 के निर्देशों के बावजूद उचित कार्यवाही नहीं हुई है। पदोन्नति प्रक्रियाओं में दिव्यांग कर्मचारियों के हितों की उपेक्षा की जा रही है। इस स्थिति में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। दिव्यांग उम्मीदवारों के चयन में पारदर्शी मानदंड अपनाए जाने की आवश्यकता बताई गई। संगठन ने इस दिशा में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की मांग की। सभी मांगों को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया।
