शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

चांदी की कीमत: भारत में रिकॉर्ड तोड़ उछाल, सरकार ने बढ़ाई नजर

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Business News: देश में चांदी के दाम आसमान छू रहे हैं। बड़े शहरों में इसके भाव ने ऐतिहासिक उच्चतम स्तर छू लिया है। दिल्ली और मुंबई में चांदी एक लाख उन्नासी हजार रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक हो गई है। चेन्नई में तो यह दो लाख रुपये के आंकड़े को पार कर चुकी है।

बाजार में चांदी की कमी ने इस तेजी को और बढ़ावा दिया है। मांग में अचानक आई वृद्धि के कारण भाव तेजी से बढ़ रहे हैं। उच्च दामों के बावजूद लोग चांदी खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इस स्थिति ने सरकार का ध्यान खींचा है।

वाणिज्य मंत्रालय ने इस मामले पर नजर रखना शुरू कर दिया है। अधिकारी जांच कर रहे हैं कि आयातित चांदी का क्या हुआ। संभावना है कि बड़े स्तर पर जमाखोरी हुई है। बाजार में अफरातफरी का माहौल बना हुआ है।

बाजार में दिख रही है अफरातफरी

व्यापारी मनमाने दाम वसूल रहे हैं क्योंकि आपूर्ति सीमित है। इस समस्या से निपटने के लिए कुछ संगठनों ने नई व्यवस्था शुरू की है। उन्होंने पूर्व बुकिंग की सुविधा शुरू की है ताकि डिलिवरी आसान हो सके। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति जल्द सामान्य हो जाएगी।

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चांदी की कमी के कारण

भारत चांदी के लिए आयात पर निर्भर करता है। देश की अस्सी प्रतिशत से अधिक मांग आयात से पूरी होती है। इस साल के पहले आठ महीनों में चांदी का आयात घट गया है। यह गिरावट बयालीस प्रतिशत तक दर्ज की गई है।

निवेशकों की मांग रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। आपूर्ति की तुलना में मांग तेजी से बढ़ी है। इस असंतुलन ने पिछले साल के स्टॉक को समाप्त कर दिया है। अब अतिरिक्त आयात की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

निवेश पर रोक का फैसला

चांदी के बढ़ते दामों ने फंड कंपनियों की चिंता बढ़ा दी है। आपूर्ति की कमी ने कीमतों को अंतरराष्ट्रीय स्तर से ऊपर पहुंचा दिया है। इससे फंड के मूल्यांकन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। एक प्रमुख एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने निवेश पर रोक लगा दी है।

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कंपनी ने नए निवेश को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला किया है। यह कदम बाजार की स्थितियों और भौतिक चांदी की कमी के कारण उठाया गया है। विशेषज्ञ इस स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। बाजार में स्थिरता लाने के प्रयास जारी हैं।

चांदी की मांग विभिन्न क्षेत्रों से आ रही है। आभूषण और बर्तनों के निर्माण में इसका व्यापक उपयोग होता है। औद्योगिक क्षेत्र में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग चांदी पर निर्भर हैं।

इस बढ़ती मांग ने बाजार में तनाव पैदा कर दिया है। सरकार और उद्योग जगत दोनों ही इस स्थिति से निपटने का प्रयास कर रहे हैं। आने वाले दिनों में बाजार के रुख में बदलाव की संभावना है। निवेशकों को स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी करनी चाहिए।

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