Business News: कमोडिटी मार्केट में आज इतिहास रचा गया है। Silver Price ने अब तक के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए 2 लाख रुपये का मनोवैज्ञानिक स्तर पार कर लिया है। सोमवार, 15 दिसंबर को चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर मची इस भगदड़ ने निवेशकों की चांदी कर दी है। साल 2025 की शुरुआत से अब तक चांदी ने 50% का बंपर रिटर्न दिया है। इंडस्ट्रियल डिमांड और सेंट्रल बैंकों की खरीदारी ने इस सफेद धातु को सोने से भी ज्यादा चमकदार बना दिया है।
MCX पर तूफानी तेजी
सोमवार को बाजार खुलते ही चांदी ने आक्रामक रुख दिखाया। दोपहर 2:40 बजे तक मार्च एक्सपायरी वाली सिल्वर का वायदा भाव 3.01% की बड़ी बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था। MCX पर चांदी 1,98,663 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर ट्रेड करती दिखी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिस तरह का बुलिश मोमेंटम बना हुआ है, यह रैली अभी रुकने वाली नहीं है।
हाजिर बाजार में 2 लाख के पार
फ्यूचर्स के साथ-साथ हाजिर बाजार (Spot Market) में भी Silver Price ने आग लगा दी है। भारत में सोमवार को चांदी के दाम में 200.9 रुपये प्रति ग्राम का इजाफा हुआ। इस बढ़त के साथ ही एक किलोग्राम चांदी की कीमत 2,00,900 रुपये के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई। कमजोर रुपये ने भी आग में घी का काम किया है, जिससे घरेलू बाजार में कीमतें आसमान छू रही हैं।
क्यों बेकाबू हुई चांदी की कीमतें?
चांदी की इस रिकॉर्ड तोड़ तेजी के पीछे केवल सट्टेबाजी नहीं, बल्कि ठोस कारण हैं। पूरी दुनिया में ग्रीन एनर्जी सेक्टर का विस्तार हो रहा है। सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) में चांदी का भारी इस्तेमाल होता है। इसके अलावा सेमीकंडक्टर और ऑटोमोबाइल सेक्टर से भी तगड़ी डिमांड आ रही है। समस्या यह है कि मांग तो रॉकेट की तरह बढ़ रही है, लेकिन जमीन के नीचे से निकलने वाली चांदी की सप्लाई (Supply) पिछले एक साल से गिर रही है।
सेंट्रल बैंकों की गुप्त खरीदारी
सिर्फ आम निवेशक ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के सेंट्रल बैंक भी चांदी जमा करने में जुटे हैं। जियो-पॉलिटिकल टेंशन और ट्रेड वॉर के डर से सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने के साथ-साथ चांदी की भी जमकर खरीदारी हो रही है। सप्लाई की कमी और बेतहाशा डिमांड का यह कॉम्बिनेशन Silver Price को नए शिखर पर ले जा रहा है। रिटेल निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी ने भी बाजार को सपोर्ट दिया है।
