Health News: राजस्थान के सीकर जिले के पलसाना कस्बे में एक दुखद घटना ने युवाओं में हृदय रोग को लेकर चेतावनी का संकेत दे दिया है। बारहवीं कक्षा की छात्रा मोनिका मीणा, जो एक स्वस्थ और एथलेटिक युवती थी, अचानक बेहोश हो गई और उसकी मृत्यु हो गई। वह हाल ही में एक राज्य स्तरीय हैंडबॉल प्रतियोगिता से लौटी थी। डॉक्टरों का मानना है कि यह एक साइलेंट हार्ट अटैक की घटना हो सकती है। यह मामला यह साबित करता है कि दिल की बीमारी अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं है।
इससे पहले भी एक नौ साल के बच्चे की कार्डिएक अरेस्ट से मौत की खबर ने सभी को चौंका दिया था। ये घटनाएं एक गंभीर सवाल खड़ा करती हैं। क्या बाहर से पूरी तरह स्वस्थ दिखने वाले युवाओं का दिल भी अंदर से कमजोर हो सकता है? सबसे बड़ी समस्या यह है कि शुरुआती लक्षणों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। आइए जानते हैं ऐसे ही आठ महत्वपूर्ण संकेतों के बारे में।
हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण
पहला संकेत है हल्का सा काम करने पर अत्यधिक थकान या सांस फूलना। अगर सीढ़ियां चढ़ने, थोड़ी दूर दौड़ने या हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करने पर ही सांस फूलने लगे, तो यह चिंता का विषय है। यह दर्शाता है कि आपका हृदय शरीर की मांग के अनुसार पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं पंप कर पा रहा है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में डिस्प्निया कहा जाता है। इसे सामान्य थकान समझकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
दूसरा महत्वपूर्ण संकेत है सीने में बिना वजह भारीपन या दबाव महसूस होना। जरूरी नहीं कि हार्ट अटैक में हमेशा तेज दर्द ही हो। कई बार सीने में हल्का दबाव, जकड़न या भारीपन भी कोरोनरी धमनियों में रुकावट का संकेत हो सकता है। यह असुविधा कुछ मिनटों तक रह सकती है और फिर अपने आप ठीक हो सकती है। लेकिन यह एक गंभीर चेतावनी है जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
तीसरा संकेत है दिल की धड़कन का तेज या अनियमित होना। अगर आपको अचानक से दिल तेजी से धड़कने लगे या धड़कन छूटने जैसा अहसास हो, तो सतर्क हो जाएं। इसे पैल्पिटेशन कहते हैं और यह अरिदमिया नामक हृदय रोग का लक्षण हो सकता है। यह समस्या हृदय की विद्युत प्रणाली में गड़बड़ी के कारण होती है। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
गंभीर समस्या के संकेत
चौथा और बेहद गंभीर संकेत है बार-बार चक्कर आना या अचानक बेहोश हो जाना। जैसा कि मोनिका मीणा के मामले में देखने को मिला, अचानक बेहोशी हृदय द्वारा मस्तिष्क को पर्याप्त रक्त की आपूर्ति न कर पाने का परिणाम हो सकती है। इस स्थिति को सिंकोप कहा जाता है। यह हृदय की विद्युत प्रणाली में गंभीर खराबी या हृदय वाल्व की समस्या का संकेत हो सकता है।
पांचवां संकेत है पेट या सीने में बार-बार जलन या गैस जैसा महसूस होना। कई युवा इसे सामान्य एसिडिटी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि, लगातार होने वाली यह समस्या दिल की बीमारी का एक छुपा हुआ लक्षण हो सकती है। खासकर अगर यह लक्षण शारीरिक परिश्रम के बाद बढ़ जाएं तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए और जांच करवानी चाहिए।
छठा संकेत है बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक पसीना आना। यदि आप बिना कोई शारीरिक मेहनत किए या गर्मी के बिना ही अचानक ठंडे पसीने से तरबतर हो जाएं, तो यह हृदय पर अत्यधिक दबाव का संकेत है। यह लक्षण अक्सर हार्ट अटैक के दौरान देखने को मिलता है। शरीर तनाव की इस स्थिति में पसीने के माध्यम से प्रतिक्रिया देता है।
अनदेखी न करें ये लक्षण
सातवांसंकेत है लगातार बनी रहने वाली थकावट। अगर आपको लंबे समय तक थकान महसूस होती है और पर्याप्त आराम करने के बाद भी एनर्जी नहीं लौटती, तो यह चिंता का विषय है। यह हार्ट फेल्योर का एक सामान्य लक्षण है। जब हृदय शरीर की जरूरतों के अनुसार रक्त पंप नहीं कर पाता, तो मांसपेशियों और अंगों को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती है।
आठवां और अंतिम संकेत है नींद के दौरान सांस रुकना या बेचैनी महसूस होना। अगर रात को सोते समय सांस लेने में तकलीफ होती है या बार-बार नींद टूटती है, तो यह स्लीप एपनिया हो सकता है। स्लीप एपनिया एक गंभीर नींद विकार है जो हृदय रोग के जोखिम को काफी बढ़ा देता है। इससे रक्त में ऑक्सीजन का स्तर गिरता है और हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
इन लक्षणों में से किसी का भी अनुभव होने पर तुरंत किसी हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। नियमित रूप से हेल्थ चेकअप करवाना, संतुलित आहार लेना और नियमित व्यायाम करना हृदय को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है। धूम्रपान और अत्यधिक तनाव से बचना भी हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। अपने शरीर की आवाज सुनें और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें।
