Himachal News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की 28 वर्षीय ईशानी ठाकुर ने सातवीं बार नंगे पांव श्रीखंड यात्रा पूरी की। यह 70 किलोमीटर की दुर्गम यात्रा बर्फीले ग्लेशियरों और खड़ी चट्टानों से होकर गुजरती है। पिछले साल बाढ़ में घर खोने के बावजूद ईशानी की भक्ति अडिग रही। 9 जुलाई को शुरू हुई इस यात्रा में उन्होंने बारिश और ठंड के बीच महादेव के दर्शन किए।
अटूट आस्था का प्रतीक
ईशानी ने 2017 में पहली बार नंगे पांव श्रीखंड यात्रा शुरू की थी। केवल कोरोना काल में 2020 और 2021 में यात्रा रुकी। बाकी हर साल वह इस कठिन मार्ग पर बिना जूतों के चलती हैं। पिछले साल बाढ़ ने उनके घर को नष्ट कर दिया, फिर भी उनकी आस्था नहीं डगमगाई। इस बार भी उन्होंने 32 किलोमीटर के ग्लेशियर और पथरीले रास्तों को नंगे पांव पार किया।
चुनौतीपूर्ण यात्रा का अनुभव
ईशानी ने बताया कि इस साल भारी बारिश और ठंड के बीच यात्रा और कठिन थी। फिर भी, उन्होंने अपने साथियों के साथ 9 जुलाई को यात्रा शुरू की। नंगे पांव चलते हुए उन्होंने खड़ी चढ़ाई और बर्फीले रास्तों को पार किया। ईशानी ने कहा, “महादेव पर भरोसा रखने से रास्ता आसान हो जाता है।” उनकी यह यात्रा हर श्रद्धालु के लिए प्रेरणा है।
प्रशासन की बेहतर व्यवस्था
ईशानी ने प्रशासन की व्यवस्थाओं की सराहना की। इस बार रास्तों पर ट्रैकिंग रस्सियां लगाई गईं, जिससे यात्रा आसान हुई। बेस कैंपों और सुरक्षा बलों की तैनाती ने भी श्रद्धालुओं का सहयोग किया। ईशानी ने बताया कि बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को घबराने की जरूरत नहीं। प्रशासन ने यात्रा को सुगम बनाने के लिए अच्छे इंतजाम किए हैं।
प्रेरणादायक कहानी
निरमंड के बागीपुल की रहने वाली ईशानी की कहानी आस्था और साहस की मिसाल है। बेघर होने के बावजूद उन्होंने अपनी भक्ति को कमजोर नहीं होने दिया। 18,570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव के दर्शन के लिए नंगे पांव चलना उनकी दृढ़ता को दर्शाता है। यह यात्रा उनकी शारीरिक और मानसिक ताकत का भी प्रमाण है।
