Health News: शॉर्ट वीडियो की लत आजकल कई लोगों की आदत बन चुकी है। Instagram Reels और YouTube Shorts जैसे प्लेटफॉर्म्स मनोरंजन का तुरंत डोज देते हैं, लेकिन नई रिसर्च चेतावनी दे रही है। यह आदत आपके दिमाग को नुकसान पहुंचा सकती है। चीन की Tianjin Normal University की एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि लगातार शॉर्ट वीडियो देखने से दिमाग की एकाग्रता और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
रिसर्च ने क्या बताया?
Tianjin Normal University के प्रोफेसर क्यांग वांग की अगुवाई में हुई रिसर्च जर्नल NeuroImage में प्रकाशित हुई है। इस स्टडी में पाया गया कि शॉर्ट वीडियो की लत दिमाग को थकाती है। तेजी से बदलते वीडियो दिमाग को उसी गति से काम करने के लिए मजबूर करते हैं। इससे मानसिक थकान और बेचैनी बढ़ सकती है। रिसर्च में 112 कॉलेज स्टूडेंट्स पर अध्ययन किया गया, जिनकी उम्र 17 से 30 साल थी।
दिमाग पर पड़ता है गहरा असर
लगातार शॉर्ट वीडियो देखने से दिमाग का अटेंशन स्पैन कमजोर होता है। इसका मतलब है कि आप किसी काम पर ज्यादा देर तक फोकस नहीं कर पाते। रिसर्च में सामने आया कि ऐसे वीडियो दिमाग के रिवॉर्ड सिस्टम को प्रभावित करते हैं। इससे डोपामीन का स्तर बढ़ता है, जो तुरंत खुशी देता है, लेकिन लंबे समय में दिमाग को नुकसान पहुंचाता है। यह आदत मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है।
बच्चों और टीनएजर्स पर ज्यादा खतरा
रिसर्च में यह भी पाया गया कि शॉर्ट वीडियो की लत का असर बच्चों और टीनएजर्स पर ज्यादा होता है। उनका दिमाग विकास की प्रक्रिया में होता है। इस दौरान ऐसी आदतें उनके फोकस और सीखने की क्षमता को कम कर सकती हैं। लगातार स्क्रॉल करने से उनका ध्यान भटकने लगता है, जिससे पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में दिक्कत आती है। माता-पिता को बच्चों के स्क्रीन टाइम पर ध्यान देना चाहिए।
क्यों बन जाती है लत?
शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म्स का डिजाइन ही ऐसा है कि वे आपको बांधे रखते हैं। हर कुछ सेकंड में नया कंटेंट दिखने से दिमाग को तुरंत खुशी मिलती है। यह डोपामीन रिलीज करता है, जो आपको बार-बार वीडियो देखने के लिए प्रेरित करता है। लेकिन ज्यादा समय तक ऐसा करने से दिमाग थक जाता है। धीरे-धीरे आप बिना वीडियो के बोरियत महसूस करने लगते हैं, जो लत का संकेत है।
इससे कैसे बचें?
शॉर्ट वीडियो की लत से बचने के लिए समय की सीमा तय करें। हर घंटे कुछ मिनट का ब्रेक लें और स्क्रीन से दूर रहें। लंबी वीडियो देखने या किताबें पढ़ने की आदत डालें। इससे दिमाग का फोकस बढ़ेगा। खासकर बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करना जरूरी है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें और स्वस्थ आदतें डालें।
मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें
शॉर्ट वीडियो भले ही मनोरंजन का आसान जरिया हों, लेकिन इनका ज्यादा इस्तेमाल दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है। रिसर्च बताती है कि इससे न केवल एकाग्रता कम होती है, बल्कि तनाव और चिंता भी बढ़ सकती है। इसलिए जरूरी है कि स्मार्टफोन के इस्तेमाल को संतुलित करें। अपनी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधियां और ऑफलाइन समय शामिल करें। इससे दिमाग स्वस्थ और सक्रिय रहेगा।
