Himachal News: हिमाचल प्रदेश में शिमला-किन्नौर कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) में दुकान आबंटन में भारी अनियमितताओं का मामला सामने आया। 120 से 150 दुकानों का आबंटन नियमों को ताक पर रखकर किया गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए। प्रभावित कारोबारियों की शिकायतों ने प्रशासन को हरकत में लाया। यह मामला किसानों और व्यापारियों के लिए चिंता का विषय है।
मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक
मुख्यमंत्री ने एपीएमसी शिमला-किन्नौर के चेयरमैन देवानंद और सचिव पवन सैनी को तलब किया। उन्होंने कृषि सचिव सी. पालरासू को तत्काल जांच के आदेश दिए। सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट कृषि विभाग को सौंपी गई। इस मामले में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है। प्रभावित व्यापारियों को न्याय की उम्मीद है। सरकार इस मामले में कठोर कदम उठाने को तैयार है।
कर्मचारियों का तबादला
प्रारंभिक जांच के बाद एपीएमसी शिमला-किन्नौर के सचिव सहित चार कर्मचारियों का तबादला कर दिया गया। सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो उन्हें चार्जशीट किया जा सकता है। जांच में दस्तावेजों की पड़ताल में कई खामियां पाई गईं। यह कदम प्रभावित कारोबारियों के लिए राहत की बात है। सरकार अब इस मामले में और सख्ती बरतने की तैयारी में है।
नई मंडियों में गड़बड़ी
शिमला-किन्नौर एपीएमसी के तहत ढली, टुटू और ऊपरी शिमला में नई मंडियों में दुकान आबंटन हुआ। किन्नौर, रामपुर, रोहडू और चौपाल की मंडियों में भी पुरानी और नई दुकानें आबंटित की गईं। आरोप है कि बोली प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई। कुछ अनुभवहीन आढ़तियों को दुकानें दी गईं, जबकि पुराने कारोबारियों को मौका नहीं मिला। यह अनियमितता किसानों और व्यापारियों के लिए नुकसानदायक है।
कारोबारियों की शिकायत
कई पुराने कारोबारियों को इस बार दुकानें नहीं मिलीं। आरोप है कि दुकान आबंटन में बोली की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। कुछ दुकानें कम किराए पर आबंटित की गईं। मंडी समिति के कुछ लोगों की संलिप्तता की बात सामने आई है। यह मामला सेब सीजन के दौरान कारोबार को प्रभावित कर सकता है। प्रभावित कारोबारी इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
