Madhya Pradesh News: शिवपुरी नगर पालिका में सड़क मरम्मत के नाम पर 16 लाख रुपये के फर्जी भुगतान के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी ठेकेदार अर्पित शर्मा पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। इसके अलावा स्थानीय पार्षदों ने भी 21 हजार रुपये के अतिरिक्त इनाम की घोषणा की है।
कलेक्टर की जांच में खुला घोटाला
मामला तब सामने आया जब कुछ पार्षदों ने कलेक्टर रविंद्र चौधरी को शिकायत दी कि मुरम, गिट्टी और कंक्रीट डालने के नाम पर फर्जी भुगतान किया गया। कलेक्टर की जांच में ये आरोप सही पाए गए। पुलिस ने नगर पालिका के इंजीनियर सतीश निगम, जितेंद्र परिहार और ठेकेदार अर्पित शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया।
हिमाचल से गिरफ्तार हुए दो इंजीनियर
पुलिस को सूचना मिली कि दोनों इंजीनियर हिमाचल प्रदेश में छिपे हुए हैं। कोतवाली टीआई कृपाल सिंह राठौड़ की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर शिवपुरी लाया। दोनों को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पूछताछ से और जानकारियां मिलने की उम्मीद है।
ठेकेदार का आपराधिक रिकॉर्ड
पुलिस के अनुसार अर्पित शर्मा के खिलाफ पहले से 6-8 आपराधिक मामले दर्ज हैं। डेढ़ साल पहले नगर पालिका से टैंकर चोरी का मामला भी उस पर दर्ज हुआ था। यह पहली बार नहीं है जब उस पर इनाम घोषित किया गया है, लेकिन इस बार मामला बड़े वित्तीय घोटाले से जुड़ा है।
पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने कहा कि आरोपी को पकड़वाने वाले को इनाम दिया जाएगा और उसकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। इनाम की राशि अब कुल 31 हजार रुपये हो गई है, जिससे आरोपी के जल्द पकड़े जाने की उम्मीद है।
