Mandi News: पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार के समय से मंडी शहर में बनाया जा रहा शिवधाम प्रोजेक्ट बीच में अटक गया है। कांग्रेस सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर काम ठप होने के बाद दोबारा टेंडर करने की अनुमति दे दी है, लेकिन अब लागत बढऩे से फैसले का इंतज़ार है। पर्यटन विभाग ने पहले चरण के लिए 11 करोड़ रुपए अतिरिक्त देने को कहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी में शिवधाम का शिलान्यास 27 फरवरी, 2021 को किया था। इसके तहत मंडी शहर के साथ लगते कांगनीधार जंगल में भगवान शिव के भव्य धाम का निर्माण किया जा रहा है, जिसे शिव धाम नाम दिया गया है। मंडी के शिवधाम में 12 ज्योतिर्लिंगों की स्थापना होनी है। इसके अलावा यहां 108 फीट ऊंची भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करने की योजना है।
ऐसा माना जा रहा है कि शिवधाम के निर्माण से यहां पर्यटन को नए पंख मिलेंगे। साथ ही स्थानीय लोगों के लिए भी रोजगार पैदा होगा। उस वक्त सरकार ने अगस्त, 2022 तक पहले चरण को पूरा कर उद्घाटन का टारगेट रखा था, लेकिन यह हो नहीं पाया। जिस ठेकेदार को यह काम दिया गया था, उसने नवंबर, 2022 में काम रोक दिया।
तब आरोप यह लगाया गया था कि उसे समय पर वित्तीय भुगतान नहीं हो रहा है। नई सरकार ने सत्ता में आने के बाद इस ठेकेदार के साथ बात की और उसे मनाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद टेंडर को रद्द कर दोबारा से टेंडर करने का फैसला हुआ। इसकी अनुमति भी राज्य सरकार ने दे दी, लेकिन दोबारा टेंडर करने से पहले जब लागत को देखा गया, तो 11 करोड़ रुपए पर्यटन विभाग ने और मांगे हैं।
जयराम सरकार के समय भी शिव धाम के पहले चरण को करीब 40 करोड़ की लागत से खुद शुरू किया गया था। तब सरकार की योजना यह थी कि पहले चरण राज्य सरकार खुद बना ले और अगले दो चरण एडीबी के प्रोजेक्ट से पूरे किए जाएं। एशियन विकास बैंक पोषित 2100 करोड़ रुपए की परियोजना में इसे डालने की योजना थी, लेकिन अब पहला चरण ही फंस गया है। तीनों चरणों का यह प्रोजेक्ट करीब 250 करोड़ से पूरा होगा। वर्तमान सरकार का यह भी कहना है कि पहले चरण के लिए भी पूरे पैसे का इंतजाम नहीं किया गया था।
टेंडर को मिल गई है परमिशन
पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने बताया कि सरकार से दोबारा टेंडर करने की अनुमति मिल गई है, लेकिन अब लागत बढऩे से दिक्कत आ रही है। जल्द इस प्रोजेक्ट पर अंतिम फैसला होगा।