Himachal News: शिमला के सुन्नी इलाके में एक शादी ने सुरक्षा के खास इंतजामों के कारण चर्चा बटोरी है। शादी समारोह में बाउंसर तैनात किए गए थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि दूल्हे के सोने और हीरे से जड़ित जेवरात की सुरक्षा के लिए यह इंतजाम किया गया। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
यह शादी 24 अक्टूबर को संपन्न हुई। हरियाणा से वंश की बारात सुन्नी निवासी सकीना से विवाह करने पहुंची। दोनों परिवार निरंकारी मिशन से जुड़े हुए हैं। करीब 500 निरंकारी अनुयायी इस शादी समारोह में शामिल हुए। बारात के साथ सात बाउंसर भी आए थे।
बाउंसर की भूमिका और चर्चा
बाउंसर की टीम में पांच पुरुष और दो महिलाएं शामिल थीं। एक बाउंसर के पास बंदूक भी देखी गई। ये बाउंसर पूरे समय दूल्हे और दुल्हन के आसपास तैनात रहे। स्थानीय लोगों में दूल्हे के कीमती सेहरे की खूब चर्चा हो रही है।
लोगों का मानना है कि सोने और हीरे से जड़ित सेहरे की सुरक्षा के लिए ही बाउंसर की विशेष तैनाती की गई थी। शादी स्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि गनमैन और बाउंसर लगातार दूल्हा-दुल्हन के आसपास मंडराते रहे। इसने शादी में एक अलग ही आकर्षण पैदा किया।
दुल्हन के पिता ने स्पष्ट किया
दुल्हन के पिता सुरेंद्र कुमार ने इस मामले में स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने बताया कि बारात हरियाणा से आई थी और वहां कुछ लोग शादी में बाउंसर बुलाते हैं। उन्होंने कहा कि यह हरियाणा की एक सामान्य प्रथा है और इसमें कुछ खास नहीं है।
सुरेंद्र कुमार ने बताया कि दूल्हा पेशे से एडवोकेट और जिम ट्रेनर है। जिन लोगों को बाउंसर कहा जा रहा है, वे वास्तव में दूल्हे के दोस्त हैं। दूल्हे ने इन दोस्तों को ट्रेनिंग दी हुई है। दोस्तों ने तय किया था कि वे शादी में कुछ नया करेंगे।
हरियाणा की परंपरा का प्रभाव
दुल्हन के पिता के अनुसार हरियाणा में बाउंसर के साथ शादी करना आम बात है। इसलिए बारात के साथ दूल्हे के दोस्त सुन्नी पहुंचे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई विशेष सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। यह तो दोस्तों द्वारा शादी में शामिल होने का एक अलग तरीका मात्र था।
शादी समारोह शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। सभी मेहमानों ने खूब आनंद उठाया। निरंकारी मिशन के सदस्यों ने भी शादी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। शादी की रस्में पारंपरिक तरीके से पूरी हुईं। सुरक्षा के नाम पर जो कुछ भी देखा गया, वह दूल्हे के दोस्तों का एक नया अंदाज था।
