Shimla News: संजौली थाना क्षेत्र के ढली बाईपास पर एक जमीन विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। इस घटना में एक पुलिस कर्मी सहित कई लोग घायल हो गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला और धमकी देने के आरोप लगाए हैं। यह घटना कोर्ट के स्टे ऑर्डर के बावजूद हुई बताई जा रही है।
अनीता ठाकुर नामक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि सुरेंद्र चौहान और उसके बेटे ने अदालती आदेश की अवहेलना की। उन्होंने विवादित जमीन पर आयरन रैंप बनाने का काम शुरू कर दिया। जब अनीता ने इसका विरोध किया तो उन्हें रास्ता रोककर प्रताड़ित किया गया। उनके अनुसार आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी।
वहीं दूसरी ओर सुरेंद्र चौहान की कहानी बिल्कुल अलग है। उन्होंने पुलिस को बताया कि वे अपने बेटे और मजदूरों के साथ काम कर रहे थे। तभी अनीता ठाकुर वहां पहुंची और उन्हें गालियां देने लगी। उसने काम बंद करने के लिए मजबूर किया। इसके बाद अचानक आठ से दस लोगों का एक समूह वहां आ गया।
हिंसा का दौर
सुरेंद्र चौहान के मुताबिक समूह ने उन पर और मजदूरों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसी दौरान चलौंठी से दो युवक बाइक पर वहां पहुंचे। उन्होंने सुरेंद्र, उनके बेटे और मौके पर मौजूद कांस्टेबल सुनील पर लात-घूंसे बरसाने शुरू कर दिए। हालात बिगड़ते देख सुरेंद्र ने अपने रिश्तेदार को फोन किया। रिश्तेदार ने घायलों को आईजीएमसी अस्पताल ले जाया।
तीसरी शिकायत कांस्टेबल सुनील ने दर्ज कराई है। वह घटना के समय एएसआई कुलदीप कुमार के साथ मौके पर मौजूद थे। कांस्टेबल सुनील ने बताया कि मारपीट के दौरान उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। उनकी बाईं आंख और शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें हैं। उन्होंने भी अनीता ठाकुर और उनके साथियों पर ही पथराव और हमले का आरोप लगाया है।
पुलिस की कार्रवाई
संजौली पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है। तीनों पक्षों की शिकायतों पर एफआईआर दर्ज की गई हैं। पुलिस ने घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। अभी तक किसी के खिलाफ कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है। पुलिस मामले में सभी पक्षों से पूछताछ कर रही है। घटनास्थल का मुआयना भी किया जा चुका है।
जमीन विवाद मामले में अदालत ने पहले ही स्टे ऑर्डर दिया हुआ था। इसके बावजूद निर्माण कार्य शुरू किया गया। यह बात विवाद की मुख्य वजह बनी। पुलिस अब यह पता लगाएगी कि किस पक्ष ने पहले हिंसा शुरू की। सभी घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है। उनका कहना है कि ऐसे विवादों का निपटारा कानूनन होना चाहिए। हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं है। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। आगे की कार्रवाई जांच के नतीजों पर निर्भर करेगी।
