Himachal News: शिमला शहर में सोमवार को निजी बस चालक और परिचालक संघ की हड़ताल रहेगी। इसके चलते शहर की सभी निजी मिनी बसें सेवाएं प्रदान नहीं करेंगी। संघ ने रविवार को ही बसों में हड़ताल के पोस्टर चिपका दिए थे। इससे शहरवासियों को सप्ताह के पहले दिन ही यातायात समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
लोगों को स्कूल और कार्यालय पहुंचने के लिए समय से पहले घर से निकलना होगा। हड़ताल के साथ ही शहर में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम भी होगा। इससे शहर में भीड़ बढ़ने की संभावना है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति से यातायात प्रभावित हो सकता है।
हड़ताल के कारण और मांगें
निजी बस चालक परिचालक संघ के अध्यक्ष रूपलाल ठाकुर ने हड़ताल की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि निजी बस ऑपरेटरों को पहले ही नोटिस दिया गया था। विभाग और प्रशासन को मांगों की प्रतियां भी दी गई थीं। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसीलिए हड़ताल का फैसला लिया गया है।
संघ की प्रमुख मांगों में शहर के 40 किलोमीटर दायरे से आने वाली बसों को सीधे आइएसबीटी भेजना शामिल है। वर्तमान में ये बसें पुराने बस स्टैंड पर रुकती हैं। ट्रैफिक जाम के कारण चालकों को नुकसान उठाना पड़ता है। इस समस्या के समाधान की मांग लंबे समय से की जा रही है।
अन्य समस्याएं और मांगें
एचआरटीसी की स्कूल ड्यूटी वाली बसें सवारियां उठाती हैं। इससे निजी बस चालकों के साथ विवाद होते रहते हैं। डीजल डालने और चार्जिंग के लिए जा रही बसें भी रास्ते में सवारियां उठा लेती हैं। पुराने बस स्टैंड पर चालकों के लिए रेस्ट रूम की सुविधा नहीं है। यह मांग भी लंबे समय से लंबित है।
संघ का कहना है कि उनकी मूलभूत सुविधाओं की उपेक्षा की जा रही है। चालकों को लंबे समय तक काम करना पड़ता है। ऐसे में विश्राम के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए। प्रशासन ने इन मांगों पर गंभीरता नहीं दिखाई है। इसीलिए हड़ताल को अंतिम विकल्प के रूप में चुना गया है।
जनता पर प्रभाव की आशंका
हड़ताल के कारण स्कूल जाने वाले छात्रों को परेशानी हो सकती है। कार्यालय जाने वाले लोगों को भी समय पर पहुंचने में दिक्कत आएगी। शहर में वीरभद्र सिंह की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम से स्थिति और जटिल होगी। बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के आने से ट्रैफिक प्रभावित हो सकता है।
निजी बसों के अभाव में लोगों को अन्य विकल्पों की तलाश करनी पड़ेगी। टैक्सी और ऑटो रिक्शा पर निर्भरता बढ़ सकती है। इससे इन वाहनों में भीड़ बढ़ने की आशंका है। लोगों को अपनी यात्रा योजना पहले से तैयार करनी होगी। समय प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना होगा।
