शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

शिमला: संजौली मस्जिद विवाद में तनाव, हिंदू संघर्ष समिति ने प्रशासनिक बैठक का किया बहिष्कार

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Himachal News: शिमला के संजौली इलाके में विवादित मस्जिद को लेकर शनिवार को स्थिति फिर से तनावपूर्ण हो गई। हिंदू संघर्ष समिति ने जिला प्रशासन के साथ होने वाली प्रस्तावित बैठक का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद समिति के सदस्यों ने संजौली पुलिस थाने से संजौली चौक तक सरकार की शव यात्रा निकाली और राज्य सरकार का पुतला दहन किया। समिति के नेताओं ने प्रशासन पर वादाखिलाफी और मुस्लिम परस्ती के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विवाद का समाधान नहीं निकला तो प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।

बैठक बहिष्कार के बाद शव यात्रा और पुतला दहन

हिंदू संघर्ष समिति ने शनिवार को प्रशासन के साथ होने वाली बैठक में भाग न लेने का फैसला किया। इसके तुरंत बाद समिति के कार्यकर्ताओं ने संजौली पुलिस थाने से संजौली चौक तक सरकार की शव यात्रा निकाली। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी की और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। थाना परिसर के बाहर ही समिति के सदस्यों ने राज्य सरकार का पुतला जलाया। आश्चर्य की बात यह रही कि इस पूरी कार्रवाई के दौरान मौके पर कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था।

नेताओं ने लगाए गंभीर आरोप

हिंदू संघर्ष समिति के नेताओं विजय शर्मा और मदन ठाकुर ने प्रशासन पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को विवादित मस्जिद में एक व्यक्ति द्वारा जुमे की नमाज अता की गई थी। यह उस समय हुआ जब समिति ने पहले ही अपील की थी कि मामले के समाधान तक नमाज न पढ़ी जाए। नेताओं ने राज्य सरकार पर मुस्लिम परस्ती का आरोप लगाते हुए कहा कि हिंदुओं की भावनाओं को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन और उसकी कार्रवाइयों पर अब उनका भरोसा नहीं रहा।

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अनशन समाप्त पर आंदोलन जारी रखने की चेतावनी

समिति ने मामले के हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के कारण क्रमिक अनशन समाप्त करने का फैसला किया है। नेताओं ने कहा कि वे न्यायालय का सम्मान करते हुए अनशन खत्म कर रहे हैं। हिंदू संघर्ष समिति मस्जिद में गतिविधियां रोकने और बिजली-पानी की सप्लाई बंद करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठी हुई थी। समिति ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि विवाद का न्यायोचित समाधान नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में प्रदेश स्तर पर बड़ा जन आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंदू संघर्ष समिति हर मोर्चे पर संघर्ष के लिए तैयार है।

हाईकोर्ट में चल रहा है मामला

संजौली मस्जिद मामला अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में विचाराधीन है। वक्फ बोर्ड ने नगर निगम शिमला और जिला अदालत द्वारा मस्जिद की निचली दो मंजिलों को अवैध करार देकर तोड़ने के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका की मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई एक दिसंबर को न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रोमेश वर्मा की खंडपीठ में होगी। जिला अदालत ने 30 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए मस्जिद की निचली दोनों मंजिलों को अवैध निर्माण बताया था। अदालत ने दो महीनों के भीतर इन्हें गिराने के आदेश दिए थे। अदालत ने स्पष्ट किया था कि संजौली मस्जिद सरकारी भूमि पर बनी है और यदि वक्फ बोर्ड तथा मस्जिद कमेटी तय समय में कार्रवाई नहीं करती, तो नगर निगम निर्माण हटाएगा।

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विवाद की पृष्ठभूमि

संजौली मस्जिद विवाद काफी पुराना है और यह कई बार उग्र रूप ले चुका है। इस विवाद की शुरुआत पिछले वर्ष 31 अगस्त को हुई थी, जब मैहली में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प के बाद एक समुदाय के कुछ लोग इस मस्जिद में शरण लेने पहुंच गए। इससे गुस्साए लोगों ने 1 सितंबर को मस्जिद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। धीरे-धीरे यह मामला प्रदेशव्यापी आंदोलन का कारण बना और विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन शुरू हो गए। मामला तब और उग्र हो गया जब 11 सितंबर 2024 को संजौली में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पानी की बौछार और बल प्रयोग करना पड़ा। ऐसे में तनाव कम करने के लिए 12 सितंबर को मस्जिद कमेटी ने स्वयं नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में पेश होकर मस्जिद के अवैध हिस्से को स्वयं हटाने की पेशकश की। इसके बाद 5 अक्टूबर 2024 को निगम आयुक्त ने मस्जिद की सबसे ऊपर की तीन मंजिलें हटाने के आदेश दिए। दो मंजिलें तोड़ भी दी गईं, लेकिन 2025 में निगम ने पूरी मस्जिद को अवैध घोषित कर दिया और 3 मई 2025 को संपूर्ण ढांचा गिराने के आदेश जारी कर दिए।

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