Shimla News: शिमला तारादेवी रोपवे परियोजना पिछले दो वर्षों से लटकी हुई है। 13.79 किलोमीटर लंबी इस रोपवे का प्रस्ताव अब मंत्रिमंडल की बैठक में फिर से रखा जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के विदेश दौरे से लौटने के बाद कैबिनेट बैठक होगी। हिमाचल प्रदेश रोपवे ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने कैबिनेट के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
परियोजना की लागत में भारी वृद्धि
इस परियोजना की लागत में भारी वृद्धि हो गई है। प्रारंभ में इसकी लागत 1734.40 करोड़ रुपये प्रस्तावित थी। अब दो साल की देरी के कारण लागत बढ़कर 2296 करोड़ रुपये हो गई है। इससे राज्य सरकार की हिस्सेदारी भी बढ़ गई है। पहले सरकार को 346.80 करोड़ खर्च करने थे जो अब बढ़कर 459.2 करोड़ हो गए हैं।
टेंडर प्रक्रिया में आ रही है बाधा
परियोजना के लिए अब तक तीन बार टेंडर जारी किए गए हैं। हर बार केवल एक ही कंपनी ने भाग लिया। इस कंपनी ने 2700 करोड़ रुपये की बिडिंग की थी। वार्ता के बाद लागत 2296 करोड़ रुपये तय हुई है। कंपनी का कहना है कि मूल लागत में परियोजना पूरी होना संभव नहीं है।
कैबिनेट को लेना होगा महत्वपूर्ण निर्णय
कैबिनेट को यह निर्णय लेना होगा कि नए सिरे से टेंडर किया जाए या मौजूदा कंपनी को ही कार्य सौंपा जाए। शार्ट टेंडर के विकल्प पर भी विचार हो रहा है। शार्ट टेंडर करने पर भी प्रक्रिया में पांच से छह महीने का समय लगेगा। इससे निर्माण कार्य में और देरी होगी।
वित्त पोषण की नई चुनौतियां
परियोजना की लागत बढ़ने से वित्त पोषण की नई चुनौतियां पैदा हो गई हैं। न्यू डेवलपमेंट बैंक इस परियोजना में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी प्रदान करेगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद संशोधित डीपीआर को बैंक के पास भेजा जाएगा। राज्य सरकार को केंद्र सरकार और बैंक के साथ नई शर्तों पर चर्चा करनी होगी।
परियोजना की विशेषताएं
तारादेवी से शिमला के बीच बनने वाली यह रोपवे 13.79 किलोमीटर लंबी होगी। यह शिमला शहर के 15 स्टेशनों को आपस में जोड़ेगी। यात्री मात्र 12 से 15 मिनट में पूरा सफर तय कर सकेंगे। निर्माण करने वाली कंपनी अगले पांच साल तक इसकी मरम्मत और रखरखाव का काम भी देखेगी।
परिवहन विभाग की तैयारियां
अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन आरडी नजीम ने बताया कि परियोजना की लागत बढ़ने के कारण इसे फिर से कैबिनेट में रखा जाएगा। विभाग ने सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार कर लिए हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद ही परियोजना को गति मिल पाएगी।
