Shimla News: शिमला में आशियाना-2 प्रोजेक्ट के तहत मकान पाने के लिए फर्जी बीपीएल प्रमाण पत्र जारी करने का मामला सामने आया है। एक सरकारी कर्मचारी पर झूठे दस्तावेज बनाकर आवासीय योजना का लाभ उठाने का आरोप है। नगर निगम ने जांच के बाद महिला को घर खाली करने का नोटिस दिया था।
मामला तब सामने आया जब नगर निगम को संदेह हुआ। निगम ने तुरंत इसकी जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि संतोष कुमारी नाम की महिला ने गलत बीपीएल प्रमाण पत्र दिखाया। उसने इसी के आधार पर आशियाना-2 प्रोजेक्ट का मकान हासिल किया था।
सरकारी नौकरी में है आरोपित
जांच में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। आरोपित महिला खुद एक स्थायी सरकारी कर्मचारी है। एक सरकारी कर्मचारी को बीपीएल श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। इससे साफ हो गया कि प्रमाण पत्र पूरी तरह से नकली था।
नगर निगम ने महिला को तुरंत नोटिस जारी किया। उसे सात दिनों के भीतर मकान खाली करने का आदेश दिया गया। लेकिन महिला ने निगम के इस आदेश की अवहेलना की। उसने मकान खाली करने से साफ इनकार कर दिया।
पुलिस में दर्ज हुई शिकायत
नोटिस की अवहेलना के बाद नगर निगम ने कार्रवाई की। निगम के अतिरिक्त एसई-कम-प्रोजेक्ट डायरेक्टर इंजीनियर धीरज कुमार चंदेल ने शिकायत दर्ज की। यह शिकायत ढली पुलिस थाने में दर्ज कराई गई है।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया। भारतीय न्याय संहिता की relevant धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। अब पुलिस मामले की विस्तार से जांच कर रही है। आरोपित महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है।
