Himachal News: तारादेवी-शिमला के बीच प्रस्तावित रोपवे परियोजना के निर्माण में एक बार फिर देरी होगी। राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए नए सिरे से टेंडर जारी करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय टेंडर प्रक्रिया में केवल एक ही कंपनी के भाग लेने के कारण लिया गया है।
तेरह दशमलव उन्नासी किलोमीटर लंबी इस रोपवे परियोजना के लिए अब तक तीन बार टेंडर जारी किए जा चुके हैं। हर बार केवल एक ही कंपनी ने बोली लगाई थी। सरकार ने सिंगल टेंडर पर काम आवंटित करने से इनकार कर दिया है।
टेंडर प्रक्रिया में देरी
हिमाचल प्रदेश रोपवे ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कारपोरेशन को नए ग्लोबल टेंडर जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। इस पूरी प्रक्रिया में पांच से छह महीने का समय लगने की संभावना है। कारपोरेशन ने पहले ही केंद्रीय आर्थिक मामले मंत्रालय को स्थिति से अवगत करा दिया था।
सरकार काम में पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहती है। इसलिए नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शार्ट टेंडर का विकल्प भी विचाराधीन है। कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को अंतिम समय में वापस ले लिया गया था।
परियोजना लागत में वृद्धि
प्रारंभ में इस परियोजना की लागत एक हज़ार सात सौ चौंतीस दशमलव चालीस करोड़ रुपये प्रस्तावित थी। दो साल की देरी के कारण अब लागत बढ़कर दो हज़ार दो सौ छियानबे करोड़ रुपये हो गई है। इससे राज्य सरकार की हिस्सेदारी में भी वृद्धि हुई है।
पहले राज्य सरकार को तीन सौ छियालीस दशमलव अस्सी करोड़ रुपये खर्च करने थे। अब यह राशि बढ़कर चार सौ उनसठ दशमलव दो करोड़ रुपये हो गई है। न्यू डेवलपमेंट बैंक परियोजना में बीस प्रतिशत हिस्सेदारी प्रदान करेगा।
बोली प्रक्रिया का इतिहास
टेंडर प्रक्रिया में केवल एक कंपनी ने ही भाग लिया था। इस कंपनी ने दो हज़ार सात सौ करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। बाद में वार्ता के दौरान परियोजना लागत दो हज़ार दो सौ छियानबे करोड़ रुपये तय हुई।
कंपनी ने स्पष्ट किया कि मूल प्रस्तावित लागत में परियोजना पूरी नहीं की जा सकती। जब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार हुई थी तब कीमतें काफी कम थीं। रोपवे निर्माण करने वाली कंपनियों की संख्या सीमित है।
भविष्य की योजनाएं
राज्य सरकार को अब इस मामले को दोबारा केंद्र सरकार के समक्ष उठाना पड़ेगा। न्यू डेवलपमेंट बैंक के साथ भी नई शर्तों पर चर्चा करनी होगी। नई टेंडर प्रक्रिया में अधिक कंपनियों के भाग लेने की उम्मीद है।
परियोजना में देरी के कारण पर्यटन क्षेत्र को नुकसान हो रहा है। रोपवे परियोजना शिमला में यातायात सुविधा में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। स्थानीय लोगों और पर्यटकों को इससे बहुत लाभ मिलेगा।
