शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

शिमला रियल एस्टेट घोटाला: बिल्डर राजदीप शर्मा ने फ्लैट की आड़ में की करोड़ों की ठगी, पुलिस ने दर्ज किया मामला

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Shimla News: शिमला में फ्लैट की आड़ में करोड़ों रुपये की ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है। चंडीगढ़ के समीप मोहाली निवासी गुरबचन सिंह बंगा ने एक बिल्डर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के अनुसार, राजदीप एंड कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राजदीप शर्मा के साथ हुए समझौते का उल्लंघन किया गया है। आरोप है कि बिल्डर ने 6.5 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया और 18 फ्लैटों का कब्जा भी नहीं सौंपा। सदर थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

भराड़ी क्षेत्र में प्रोजेक्ट का हुआ था समझौता

यह मामला11 अप्रैल 2014 के एक समझौते से जुड़ा है। गुरबचन सिंह बंगा और राजदीप शर्मा के बीच शिमला के भराड़ी क्षेत्र के कालेस्टन में 1416.80 वर्ग मीटर भूमि पर फ्लैट निर्माण और बिक्री के प्रोजेक्ट के लिए समझौता हुआ था। इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल कीमत 7 करोड़ रुपये तय की गई थी। समझौते के तहत आरोपी राजदीप शर्मा ने शुरुआत में 50 लाख रुपये अग्रिम के रूप में दिए थे। सुरक्षा के तौर पर उन्होंने 18 फ्लैट अपने नाम आवंटित करवा लिए थे।

बकाया राशि और फ्लैटों के कब्जे को लेकर विवाद

शिकायतकर्ताका आरोप है कि प्रोजेक्ट समझौते के बाद राजदीप शर्मा ने शेष 6 करोड़ 50 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया। साथ ही, उन्होंने फ्लैटों का कब्जा भी शिकायतकर्ता को नहीं सौंपा। भुगतान की औपचारिकता पूरी करने के लिए आरोपी ने कुछ चेक जारी किए, लेकिन बाद में वे चेक वापस ले लिए गए। उनकी जगह बिना तारीख और कम राशि वाले नए चेक दिए गए। गुरबचन सिंह बंगा का कहना है कि अब तक उन्हें केवल करीब 2 करोड़ 36 लाख रुपये ही मिले हैं।

फ्लैटों को तीसरे पक्ष को बेचने का लगा आरोप

मामलेमें गंभीर आरोप यह लगाया गया है कि राजदीप शर्मा ने जानबूझकर धोखाधड़ी की नीयत से काम किया। शिकायत के अनुसार, उन्होंने वही फ्लैट तीसरे पक्ष को बेच दिए। यह कार्य समझौते की शर्तों के सीधे उल्लंघन में बताया जा रहा है। यह उस शपथपत्र का भी उल्लंघन है जो आरोपी ने 9 मई 2014 को दिया था। उस शपथपत्र में उन्होंने समझौते का पालन करने का वादा किया था। शिकायतकर्ता के अनुसार ब्याज समेत लगभग 5 करोड़ 23 लाख रुपये अब भी बकाया हैं।

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पुलिस ने धारा 420 के तहत दर्ज किया मामला

सदर थानापुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस केस में वित्तीय लेन-देन तथा फ्लैट बिक्री से संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी। पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले ने शिमला के रियल एस्टेट क्षेत्र में धोखाधड़ी के मामलों पर एक बार फिर से चर्चा शुरू कर दी है। इससे पहले भी शहर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं।

शिमला में ठगी के अन्य मामले

शिमलामें हाल ही में एक और बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया था। ह्यूमन वेलफेयर मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड गिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी पर 52 से अधिक लोगों के साथ 3.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। छोटा शिमला थाने में दर्ज इन शिकायतों में आरोप लगाया गया कि सोसाइटी के संचालकों ने निवेशकों की छोटी-छोटी बचत को ठग लिया। दिसंबर के बाद सोसाइटी का पोर्टल बंद हो गया और संचालकों से संपर्क टूट गया।

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में एक अन्य सोसायटी ने बीते नौ सालों से गैरकानूनी तरीके से हजारों लोगों से 200 करोड़ रुपये की ठगी की है। ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी ने हिमाचल में 37 सुविधा केंद्र खोले थे। इन केंद्रों के माध्यम से निवेशकों को लुभावने ऑफर और ऊंचे ब्याज दरों का लालच देकर ठगा गया।

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शिमला में ऑनलाइन ठगी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते दिनों शोघी निवासी प्यार सिंह ने बालूगंज पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने भवन निर्माण सामग्री ऑनलाइन ऑर्डर की थी और 6.23 लाख रुपये का भुगतान एडवांस में कर दिया था। जब सामग्री नहीं पहुंची तो उन्हें पता चला कि ठगों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर उन्हें निशाना बनाया था।

देश भर में रियल एस्टेट ठगी के मामले

भारत केअन्य हिस्सों में भी रियल एस्टेट क्षेत्र में ठगी के मामले सामने आते रहते हैं। बेंगलुरु की एक बड़ी रियल एस्टेट कंपनी ओजोन अर्बाना इंफ्रा डेवलपर्स पर हजारों होम बायर्स के साथ धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी और इसके प्रमोटर्स के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने 423.38 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की हैं।

जांच में सामने आया कि कंपनी ने हजारों होम बायर्स को फ्लैट का कब्जा नहीं दिया। कंपनी ने लोगों को लुभाने के लिए वादा किया था कि वो कब्जा मिलने तक होम लोन की ईएमआई खुद भरेगी। लेकिन बाद में न तो ईएमआई दी और न ही फ्लैट या पैसा लौटाया। ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी और इसके प्रमोटर एस. वासुदेवन ने खरीदारों के करीब 927 करोड़ रुपये हड़प लिए।

नोएडा में भी फ्लैट बेचने के नाम पर एक करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। सेक्टर-56 के मयूर गर्ग ने सत्यनारायण और एक अन्य व्यक्ति पर आरोप लगाया है। मयूर ने 2011 में गाजियाबाद के सत्यनारायण से फ्लैट खरीदने का सौदा किया था और एक करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया था। पीड़ित का आरोप है कि फ्लैट का मालिकाना हक अपने नाम कराने के लिए जब उन्होंने सत्यनारायण से संपर्क किया तो आरोपी ने यह प्रक्रिया टालना शुरू कर दिया।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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