Shimla News: शिमला पुलिस ने नशा तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार रात हुई दो अलग-अलग ऑपरेशनों में पुलिस ने दो नशा तस्करों को धर दबोचा है। पहले मामले में एक बस से 11.5 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। वहीं दूसरे मामले में एक युवक से 92 ग्राम चरस पकड़ी गई। दोनों आरोपियों पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस को पहली सफलता ठियोग थाना क्षेत्र में मिली। शनिवार रात करीब नौ बजकर पचास मिनट पर पुलिस टीम गश्त कर रही थी। इसी दौरान उन्हें एक गुप्त सूचना प्राप्त हुई। सूचना के अनुसार हमीरपुर से रिकांगपिओ जा रही एक एचआरटीसी बस में नशीला पदार्थ ले जाया जा रहा था। पुलिस ने तुरंत ठियोग बाईपास पर नाकाबंदी करके बस को रोका।
बस की तलाशी के दौरान एक यात्री संदिग्ध लगा। पुलिस ने उसकी गहन जांच की। जांच में उसके पास से 11.5 ग्राम चिट्टा जिसे हेरोइन कहा जाता है बरामद हुई। आरोपी की पहचान बुटा सिंह के रूप में हुई। वह लुधियाना, पंजाब का निवासी है। पुलिस ने उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। इस घटना से यात्रा में शामिल अन्य लोग भी हैरान रह गए।
दूसरी घटना रोहड़ू थाना क्षेत्र में घटित हुई। इस मामले में भी पुलिस टीम रात के समय गश्त पर तैनात थी। करीब नौ बजे नालू इलाके में एक मारुति कार संदिग्ध हालत में खड़ी हुई दिखाई दी। पुलिस ने जैसे ही कार के पास जाना चाहा वहां मौजूद एक व्यक्ति का व्यवहार शक पैदा करने वाला था।
पुलिस ने उस व्यक्ति और कार की तलाशी लेने का फैसला किया। तलाशी के दौरान उसके पास से 92 ग्राम चरस बरामद हुई। आरोपी की पहचान सुरेंद्र सिंह के रूप में हुई। वह रोहड़ू तहसील के अर्हल गांव का निवासी है। पुलिस ने उसे भी तुरंत हिरासत में ले लिया। उसकी कार को भी सुरक्षित हिरासत में लिया गया है।
दोनों मामलों में पुलिस ने एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की है। यह कानून नशीले पदार्थों की तस्करी और कब्जे के मामलों के लिए बनाया गया है। इसके तहत आरोपियों को सख्त सजा का प्रावधान है। पुलिस अब दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
पूछताछ का मुख्य फोकस नशीले पदार्थों के स्रोत और उनके ग्राहकों का पता लगाना है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि यह नशीला पदार्थ कहां से आया था। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि इसे किन लोगों तक पहुंचाया जाना था। इससे बड़े नेटवर्क का पता चलने की उम्मीद है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नशा मुक्ति अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जिले में नशीले पदार्थों के व्यापार पर अंकुश लगाना पुलिस की प्राथमिकता है। इस तरह की कार्रवाई भविष्य में भी लगातार जारी रखी जाएगी। उन्होंने आम जनता से सहयोग की अपील की।
पुलिस का मानना है कि ऐसे ऑपरेशन नशा तस्करी के खिलाफ चल रहे युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हर गिरफ्तारी और नशीले पदार्थ की बरामदगी इस अवैध व्यापार को करने वालों के लिए एक चेतावनी है। पुलिस की सक्रियता से नशीले पदार्थों की आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ रहा है।
इन घटनाओं से पुलिस की सूचना तंत्र की मजबूती का भी पता चलता है। गुप्त सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई सफल रही। इससे पता चलता है कि समुदाय की सक्रिय भागीदारी कानून व्यवस्था को बनाए रखने में कितनी महत्वपूर्ण है। पुलिस ऐसी सूचनाओं को गोपनीय रखने का भी पूरा ध्यान रखती है।
शिमला जिला पुलिस पहले भी ऐसे कई मामलों में कार्रवाई कर चुकी है। नशीले पदार्थों के खिलाफ यह लड़ाई लगातार जारी है। पुलिस का कहना है कि वह हर संभव उपाय करेगी ताकि युवाओं को इसकी चपेट में आने से बचाया जा सके। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
