Himachal News: शिमला के कंगनाधार वार्ड में एक सरकारी पार्किंग में बैठी लड़कियों के वीडियो बनाने को लेकर पार्षद और छात्राओं के बीच बड़ा विवाद हो गया। इस घटना में अब पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। पार्षद का आरोप है कि लड़कियां बीयर पी रही थीं, जबकि लड़कियों ने इसका जोरदार खंडन किया है।
स्थानीय पार्षद ने दोपहर के समय पार्किंग में मोबाइल फोन से वीडियो बनाना शुरू कर दिया। इस पर लड़कियों और उनके स्टाफ ने आपत्ति जताई। उन्होंने पार्षद से सवाल किया कि बिना अनुमति उनकी वीडियो क्यों बनाई जा रही है। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच जमकर बहस हुई।
विवाद के दौरान लड़कियों ने स्पष्ट किया कि वे सिर्फ लंच कर रही थीं। उन्होंने पार्षद के बीयर पीने के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया। लड़कियों ने पार्षद से सबूत मांगे और चिकित्सीय जांच के लिए भी तैयरी दिखाई।
पार्षद ने अपने रुख पर कायम रहते हुए कहा कि पार्किंग में बैठना गलत है। उन्होंने सफाई की समस्या की ओर भी ध्यान दिलाया। पार्षद ने दावा किया कि उनके पास सबूत के तौर पर वीडियो और फोटो हैं, जिन्हें वह अदालत में पेश करेंगे।
घटना के बाद निजी संस्थान के स्टाफ ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बीएनएस की कई धाराएं लगाई गई हैं। इनमें धारा 351(2) और 352 जैसे प्रावधान शामिल हैं, जो हमले या डराने-धमकाने से जुड़े हैं।
बहस के दौरान बना एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग पार्षद को घेरे हुए हैं। महिला स्टाफ सवाल कर रही हैं कि कोई बोतल लेकर चलने का मतलब बीयर पीना कैसे हो सकता है।
इस पूरे प्रकरण में स्थानीय थाना प्रभारी भी मौजूद रहे। उन्होंने स्थिति को शांत करने का प्रयास किया। हालांकि, मामला बढ़ने के बाद अब पुलिस ने औपचारिक एफआईआर दर्ज कर ली है।
कुछ लड़कियों ने स्पष्ट किया कि वे उस संस्थान से भी नहीं हैं, जहां का होने का आरोप लगाया जा रहा है। इससे स्थिति और अधिक जटिल हो गई है। पार्किंग में बैठने के अधिकार को लेकर भी चर्चा हुई।
यह मामला नागरिकों की निजता के अधिकार और सार्वजनिक स्थानों के उपयोग पर महत्वपूर्ण सवाल खड़े करता है। दोनों पक्ष अपने-अपने दावों पर अड़े हुए हैं। अब न्यायिक प्रक्रिया के तहत इस मामले की जांच होगी।
पार्षद के विरोध के बावजूद लड़कियों ने कहा कि वे पार्किंग में शांतिपूर्वक बैठी थीं। उन्होंने किसी भी तरह की गलत हरकत करने से इनकार किया है। यह मामला अब कोर्ट तक पहुंच गया है।
स्थानीय लोगों ने इस घटना पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ लोग पार्षद के कदम का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ लड़कियों के हक में हैं। यह विवाद शिमला में चर्चा का मुख्य विषय बना हुआ है।
