शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

शिमला न्यूज: शिक्षिका ने बच्चे की कांटेदार झाड़ियों से पीटा, वीडियो हुआ वायरल; विभाग ने लिया यह एक्शन

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Himachal News: शिमला जिले के रोहड़ू उपमंडल में एक स्कूली बच्चे के साथ क्रूरता का मामला सामने आया है। एक महिला शिक्षिका ने पांचवीं कक्षा के छात्र को कांटेदार झाड़ी से पीटा। घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। शिक्षा विभाग ने तत्काल महिला शिक्षिका को निलंबित कर दिया है।

यह घटना गांवणा गांव की प्राथमिक पाठशाला में हुई। महिला शिक्षिका रीना राठौर ने बच्चे की कमीज उतारकर उसे कांटेदार झाड़ी से पीटा। वीडियो में बच्चे के पिता भी कुर्सी पर बैठे दिखाई दे रहे हैं। वह नेपाली मूल के मजदूर हैं।

वीडियो में क्या दिखाई दिया?

वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि महिला शिक्षिका बच्चे को बेरहमी से पीट रही हैं। बच्चा बिना कमीज के खड़ा है और जोर-जोर से रो रहा है। शिक्षिका उससे पैंट भी उतारने के लिए कहती हैं। बच्चा रोते-रोते माफी मांगता नजर आता है।

दिलचस्प बात यह है कि यह वीडियो स्वयं शिक्षिका ने बनाया था। उन्होंने जुलाई महीने में अपने मोबाइल फोन से यह वीडियो रिकॉर्ड किया। करीब चार महीने बाद यह वीडियो व्हाट्सएप के जरिए वायरल हुआ।

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शिक्षा विभाग की त्वरित कार्रवाई

वीडियो वायरल होते ही शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया। प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक ने तत्काल निलंबन आदेश जारी किए। आदेश में कहा गया कि यह कृत्य बच्चों के निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 का उल्लंघन है।

रीना राठौर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। उनका मुख्यालय खंड प्राथमिक शिक्षा कार्यालय सराहन बनाया गया। उन्हें बिना अनुमति के मुख्यालय से बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी।

पिछले रिकॉर्ड पर गौर करें

यह इसी शिक्षा खंड का दूसरा विवादास्पद मामला है। कुछ दिन पहले ही इसी खंड के एक स्कूल के शिक्षक को निलंबित किया गया था। उस पर शराब के नशे में स्कूल आने का आरोप लगा था।

खंड शिक्षा अधिकारी रोहड़ू यशवंत खिमटा ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने स्वयं विद्यालय जाकर मुख्य अध्यापिका से जानकारी ली। जांच रिपोर्ट एसडीएम रोहड़ू और शिक्षा निदेशक को भेज दी गई।

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बच्चे की पारिवारिक पृष्ठभूमि

पीड़ित बच्चे के पिता नेपाली मूल के मजदूर हैं। वह स्थानीय स्तर पर मजदूरी करके परिवार का पेट पालते हैं। इस घटना ने समाज में गरीब और वंचित तबके के बच्चों के साथ हो रहे व्यवहार पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मामला वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा देखा गया। लोगों ने शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई करके स्थिति को नियंत्रित किया।

शिक्षा अधिकार अधिनियम का उल्लंघन

निलंबन आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया कि यह कार्रवाई शिक्षा के अधिकार कानून के विरुद्ध है। इस कानून के तहत बच्चों को सम्मानजनक वातावरण में शिक्षा पाने का अधिकार है। किसी भी प्रकार की शारीरिक सजा गैरकानूनी है।

शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को बच्चों के साथ दुर्व्यवहार न करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले ने शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। विभाग और भी कड़े कदम उठा सकता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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