Himachal News: शिमला शहर में निजी बसें तीन नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रही हैं। शिमला सिटी निजी बस ड्राइवर-कंडक्टर यूनियन ने यह फैसला लिया है। यह हड़ताल प्रशासन और एचआरटीसी द्वारा वायदे न पूरे करने के विरोध में है। इससे हजारों दैनिक यात्रियों, छात्रों और कर्मचारियों को परेशानी होगी।
यूनियन के अध्यक्ष रोशन लाल और महासचिव सुनील चौहान ने बताया कि यह हड़ताल मजबूरी में की जा रही है। उन्होंने याद दिलाया कि तेरह अक्टूबर को भी हड़ताल की योजना थी। बारह अक्टूबर को अतिरिक्त आयुक्त परिवहन की बैठक के बाद इसे टाल दिया गया था। उस बैठक में आरटीओ शिमला और यूनियन प्रतिनिधि मौजूद थे।
बैठक में हुए थे ये समझौते
बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय सर्वसम्मति से लिए गए थे। चालीस किलोमीटर से अधिक दूरी वाली बसें सीधे आईएसबीटी जाएंगी। वे पुराने बस अड्डे पर नहीं आएंगी। एचआरटीसी की स्कूल बसें नियमित सवारियां नहीं बैठाएंगी। चार्जिंग या डीजल भरवाने जाने वाली बसें आधे रास्ते से सवारियां नहीं उठाएंगी।
यूनियन का कहना है कि एचआरटीसी ने इन नियमों को एक सप्ताह में लागू करने का वादा किया था। अब बीस दिन बीत जाने के बाद भी स्थिति नहीं बदली है। नियमों का उल्लंघन जारी है। प्रशासन के इस रवैये से नाराज होकर यूनियन ने हड़ताल का फैसला लिया।
यात्रियों को होगी परेशानी
हड़ताल के कारण शिमला शहर में परिवहन व्यवस्था प्रभावित होगी। दैनिक यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। छात्रों और कार्यालय जाने वाले लोगों को वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी। यूनियन ने परिवहन निदेशक और प्राइवेट मिनी बस ऑपरेटर यूनियन को सूचना भेज दी है।
शिमला शहर में निजी बसों का बड़ा योगदान है। ये बसें शहर के विभिन्न इलाकों में यात्रियों को पहुंचाती हैं। हड़ताल के बाद एचआरटीसी की बसों पर यात्रियों का दबाव बढ़ेगा। इससे भीड़भाड़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यात्रियों को समय पर अपनी मंजिल तक पहुंचने में कठिनाई होगी।
