Shimla News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी Shimla से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां प्रेस क्लब पर गंभीर आरोप लगे हैं. एक गरीब महिला अपनी फरियाद लेकर पहुंची थी. आरोप है कि उससे प्रेस कॉन्फ्रेंस के बदले 10 हजार रुपये मांगे गए. पीड़िता ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया. अब यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसके बाद प्रेस क्लब के कुछ सदस्यों ने उस शख्स को पुलिस केस की धमकी दी है.
पैसे नहीं तो प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं?
चौपाल पंचायत के वीरेंद्रा ठाकुर अपनी समस्या रखने Shimla प्रेस क्लब गई थी. वह मीडिया के जरिए अपनी बात जनता तक पहुंचाना चाहती थी. लेकिन वहां मौजूद कर्मचारी ने उन्हें बड़ा झटका दिया. कर्मचारी ने साफ कहा कि पहले बुकिंग करनी होगी. इसके लिए कम से कम 10 हजार रुपये लगेंगे. पैसे जमा करने के बाद ही वह मीडिया से मुखातिब हो सकते हैं.
वीडियो वायरल होने पर मिलीं धमकियां
वीरेंद्रा ठाकुर ने इस घटना से आहत होकर वहां का वीडियो बना लिया. उन्होंने इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. Shimla News में यह मामला गरमा गया है. प्रेस क्लब से जुड़े कुछ लोगों को वीडियो नागवार गुजरा. आरोप है कि अब वीरेंद्रा को धमकियां मिल रही हैं. उन्हें एफआईआर दर्ज करवाने और कोर्ट केस करने की बात कही जा रही है.
‘चाय-पानी’ के नाम पर वसूली का आरोप
सुरिंदर पापटा ने भी अपना अनुभव साझा किया है. उन्होंने बताया कि एक महिला ने फोन पर उन्हें कानूनी कार्रवाई की धमकी दी. उनसे कहा गया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के रेट डीसी (DC) द्वारा तय किए गए हैं. आरोप है कि 10 हजार रुपये ‘रिपोर्टरों के चाय-पानी’ के लिए मांगे जाते हैं. जबकि प्रेस क्लब में बैठने की जगह बेहद सीमित है. सवाल उठ रहा है कि क्या 25-30 लोगों की चाय पर 10 हजार रुपये खर्च होते हैं?
गरीब की आवाज पर लगा ‘ताला’
यह मामला अब Shimla में चर्चा का विषय बन गया है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या सामाजिक मुद्दे उठाने के लिए भी पैसे देने होंगे? अगर कोई कंपनी प्रचार के लिए आती है तो पैसे लेना समझ आता है. लेकिन जनहित के मुद्दों पर भी ‘रेट कार्ड’ लगाना कितना जायज है? पीड़ित पक्ष का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, वह पीछे नहीं हटेंगे.
Author: Surender Papata
