Himachal News: शिमला के संजौली मस्जिद विवाद ने सोमवार को एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। हिंदू संघर्ष समिति ने अवैध निर्माण हटाने की मांग को लेकर नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपा है। समिति ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 29 दिसंबर तक अवैध ढांचा नहीं हटाया गया, तो वे खुद कारसेवा करेंगे। हिंदू संगठनों ने मस्जिद की ऊपरी मंजिलों को अवैध बताते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
निगम आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
सोमवार को शिमला में सियासी और सामाजिक माहौल गरमा गया। हिंदू संघर्ष समिति के बैनर तले कई संगठन एकजुट हुए। इन संगठनों ने नगर निगम आयुक्त से मुलाकात की। उन्होंने मस्जिद की निचली दो मंजिलों को छोड़कर बाकी हिस्से को अवैध बताया। समिति का कहना है कि ऊपरी हिस्से को तत्काल प्रभाव से हटाया जाना चाहिए। न्यायालय के आदेशों का पालन करना नगर निगम की जिम्मेदारी है। समिति ने प्रशासन से किसी भी तरह की ढिलाई न बरतने को कहा है।
कारसेवा के लिए तैयार संगठन
समिति ने नगर निगम के सामने एक बड़ा प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा कि यदि वक्फ बोर्ड या नगर निगम अवैध निर्माण हटाने में सक्षम नहीं है, तो संगठन मदद करेंगे। समिति के सदस्य इसके लिए निशुल्क श्रमदान यानी कारसेवा करने को तैयार हैं। समिति के सदस्य मदन ठाकुर ने कहा कि प्रशासन को हर हाल में कोर्ट के आदेशों का पालन करवाना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि इस पूरे मामले की स्टेटस रिपोर्ट मंगवाकर उसे जनता के सामने रखा जाए।
29 दिसंबर है अंतिम तारीख
मदन ठाकुर ने बताया कि अवैध निर्माण हटाने की समय सीमा 29 दिसंबर तय की गई है। उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया। उनका कहना है कि प्रदेश में कानून का पालन समान रूप से नहीं हो रहा है। वहीं, समिति के सदस्य विजय शर्मा ने कहा कि समय सीमा खत्म होने वाली है। उन्होंने कहा कि अगर धन या मजदूरों की कमी कार्रवाई में आड़े आ रही है, तो समिति मदद करेगी।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
हिंदू संघर्ष समिति अब जन जागरण अभियान भी चलाने जा रही है। संगठनों ने प्रशासन को साफ शब्दों में चेतावनी दी है। यदि तय समय सीमा के भीतर अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। समिति ने नगर निगम से जल्द से जल्द स्टेटस रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग दोहराई है।
