Himachal News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में नशा तस्करों के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में नशा तस्करी के आरोप में 100 युवतियों को गिरफ्तार किया गया है। जांच में सामने आया है कि कॉलेज छात्राओं को उनके ही प्रेमी या दोस्त ‘रोमांच’ के नाम पर चिट्टे (ड्रग्स) की लत लगा रहे हैं। एक बार लत लगने के बाद इन युवतियों का शारीरिक और आर्थिक शोषण किया जाता है। शिमला पुलिस ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए अभिभावकों को अपने बच्चों पर नजर रखने की सख्त सलाह दी है।
रोमांच के नाम पर बर्बाद होती जिंदगी
शिमला पुलिस की जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। नशा तस्कर और प्रेमी युवतियों को पहले प्यार के जाल में फंसाते हैं। इसके बाद उन्हें मजे के लिए एक बार नशा करने को कहा जाता है। छात्राएं धीरे-धीरे नशे के जाल में फंस जाती हैं। जब वे पूरी तरह आदी हो जाती हैं, तो आरोपी उनसे पैसे मांगना शुरू कर देते हैं। पैसे न होने पर तलब पूरी करने के बदले उनका शारीरिक शोषण किया जाता है। कई मामलों में होनहार छात्राएं भी इस दलदल में फंस चुकी हैं।
अकेली रहने वाली छात्राएं आसान शिकार
पुलिस के अनुसार, ऊपरी शिमला, कुल्लू, मंडी और सोलन से छात्राएं पढ़ाई के लिए शिमला आती हैं। ये युवतियां अक्सर किराये के कमरों में अकेली रहती हैं। तस्कर इनके अकेलेपन का फायदा उठाते हैं और दोस्ती करते हैं। धीरे-धीरे इन्हें नशे का आदी बना दिया जाता है। लत पूरी करने के लिए ये छात्राएं खुद भी नशा तस्करी (Drug Trafficking) का हिस्सा बन जाती हैं। सच्चाई पता चलने पर परिवार वाले भी इनका साथ छोड़ देते हैं, जिससे हालात और बिगड़ जाते हैं।
नाबालिग उम्र में ही लग रही है लत
नशे का यह काला कारोबार कम उम्र की लड़कियों को भी निगल रहा है। हाल ही में चिट्टा तस्करी में पकड़ी गई एक 19 वर्षीय युवती ने पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई। उसने बताया कि वह आठवीं कक्षा से नशा कर रही है। घर में माता-पिता के झगड़ों के कारण वह तनाव में रहती थी। तस्करों ने इसका फायदा उठाया और उसे लत लगा दी। आज उस पर तस्करी के दो केस दर्ज हैं। पुलिस का डेटा बताता है कि पकड़ी गई युवतियों की उम्र 18 से 25 साल के बीच है, लेकिन उन्हें लत 14 से 16 साल की उम्र में ही लगा दी गई थी।
पुलिस की सख्ती और अभिभावकों को सलाह
शिमला के एसएसपी संजीव कुमार गांधी ने इस ट्रेंड पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि नशा तस्करी की आड़ में युवतियों का शोषण हो रहा है। पुलिस इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए लगातार काम कर रही है। एसएसपी ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों की नियमित निगरानी करें। बच्चों के व्यवहार में बदलाव दिखने पर तुरंत सतर्क हो जाएं। समाज और पुलिस के साझा प्रयासों से ही इस खतरे को रोका जा सकता है।
