Himachal News: न्यू शिमला थाना पुलिस ने एक स्थानीय पार्षद के खिलाफ महिलाओं की बिना अनुमति फोटो और वीडियो बनाने का मामला दर्ज किया है। यह शिकायत बीसीएस शिमला स्थित एएसपायर अकादमी की एक महिला अकाउंटेंट ने दर्ज कराई है। आरोप है कि पार्षद ने पार्किंग में महिलाओं का वीडियो बनाकर उन्हें परेशान किया और उनकी मर्यादा को ठेस पहुंचाई।
शिकायत के अनुसार घटना 29 अक्टूबर को दोपहर करीब एक बजकर पंद्रह मिनट पर घटी। महिला अकाउंटेंट और उनकी चार-पांच सहेलियां लंच टाइम में एएसपायर अकादमी के सामने स्थित सरकारी पार्किंग में धूप सेंक रही थीं। तभी अचानक स्थानीय पार्षद वहां पहुंचे और बिना किसी अनुमति के अपने मोबाइल फोन से उनकी फोटो और वीडियो बनाने लगे।
महिलाओं ने आगे बताया कि पार्षद ने सिर्फ वीडियो ही नहीं बनाया बल्कि बार-बार उनकी ओर देखकर असहज करने वाला व्यवहार भी किया। उन्होंने महिलाओं को उनकी सहेलियों के सामने अपमानित करने की कोशिश की। इस पूरे घटनाक्रम ने महिलाओं को मानसिक रूप से परेशान कर दिया।
जब महिलाएं वहां से जाने लगीं तो स्थिति और भी खराब हो गई। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पार्षद महिलाओं के पीछे-पीछे चलने लगे और लगातार वीडियो बनाते रहे। उन्होंने पार्किंग में मौजूद कुछ अन्य महिलाओं और उनके साथियों के साथ भी इसी तरह का व्यवहार किया।
मामले में कानूनी धाराएं
न्यू शिमला थाना पुलिस ने यह मामला भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया है। इनमें धारा 74, 77, 78, 79, 351(2) और 352 शामिल हैं। ये धाराएं अपमान, धमकी और महिलाओं के प्रति अनुचित व्यवहार से संबंधित हैं। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
शिकायतकर्ता महिला ने कहा कि पार्षद की इस हरकत से उनकी निजता का हनन हुआ है। उनकी मर्यादा और गरिमा को गहरी ठेस पहुंची है। उन्होंने कानून से न्याय की उम्मीद जताई है। इस घटना ने महिला सुरक्षा और निजता के अधिकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे सभी तथ्यों और सबूतों की जांच कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि कानून के अनुसार पूरी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया है और संबंधित लोगों से पूछताछ जारी है।
समाज पर प्रभाव
इस प्रकार की घटनाएं समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ते अनुचित व्यवहार को दर्शाती हैं। सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं का इस तरह परेशान किया जाना चिंताजनक है। डिजिटल युग में बिना अनुमति फोटो और वीडियो बनाना एक नई चुनौती बनकर उभरा है।
महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि ऐसे मामलों में कड़ी कानूनी कार्रवाई जरूरी है। इससे समाज में एक संदेश जाएगा कि महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निजता का अधिकार हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।
पुलिस ने मामले में आगे की कार्रवाई जारी रखी है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले में न्याय कितनी जल्दी मिलता है। इस तरह की घटनाओं के खिलाफ समाज में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
