Shimla News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। पंचायत झिना की एक महिला ने प्रेस क्लब शिमला के स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का दावा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए उनसे 10,000 रुपये की अवैध मांग की गई। पीड़ित ने अब एसपी शिमला को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। यह मामला शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए मांगे 10 हजार
शिकायतकर्ता विरेन्द्रा ठाकुर ने पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत में बताया कि वह प्रेस क्लब गई थीं। उनका उद्देश्य मीडिया के माध्यम से अपनी जनसमस्याओं को उठाना था। आरोप है कि वहां मौजूद स्टाफ ने उनसे 10,000 रुपये की मांग की। कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा कि बिना पैसे दिए उन्हें मीडिया के सामने बात नहीं रखने दी जाएगी। जब विरेन्द्रा ने इसका विरोध किया, तो वहां बहसबाजी शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि वहां का माहौल डराने वाला था, इसलिए उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी।
10 साल से पानी और रास्ते का इंतजार
विरेन्द्रा ठाकुर ने बताया कि वह पिछले 10 वर्षों से अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही हैं। उन्हें पूर्व में खुला दरबार में पानी उपलब्ध करवाने का आश्वासन मिला था। इसके बावजूद, आज तक उन्हें न तो पानी मिला है और न ही आने-जाने के लिए रास्ता। वह इसी मुद्दे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करना चाहती थीं। उनका कहना है कि यह उनके मौलिक और संवैधानिक अधिकारों का हनन है। प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
एसपी से की निष्पक्ष जांच की मांग
पीड़ित महिला ने पुलिस अधीक्षक से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि प्रेस क्लब जैसे संस्थान में रिश्वत मांगना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। विरेन्द्रा ठाकुर ने अवैध मांग करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई की अपील की है। साथ ही, उन्होंने अपने साथ हुई बहसबाजी और भय का माहौल बनाने वालों पर भी एक्शन लेने को कहा है। पुलिस ने शिकायत को रिकॉर्ड पर ले लिया है।
