Himachal News: शिमला के संजौली मस्जिद विवाद ने अब एक नया और उग्र रूप ले लिया है। ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष नजाकत अली हाशमी के बयानों पर देवभूमि संघर्ष समिति भड़क गई है। समिति ने हाशमी को ‘जिहादी’ मानसिकता वाला करार दिया है। समिति का आरोप है कि हाशमी तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। शिमला में माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। समिति ने मुस्लिम समुदाय को भी हाशमी से सतर्क रहने की सलाह दी है।
हाशमी का केस से कोई लेना-देना नहीं
देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने शिमला में प्रेस से बात की। उन्होंने कहा कि नजाकत अली हाशमी इस केस में न तो पक्षकार हैं और न ही प्रतिवादी। उनका इस मामले से कोई सीधा कानूनी संबंध नहीं है। हाशमी ने दावा किया था कि वह नगर निगम में नया नक्शा देकर निर्माण को वैध करवा लेंगे। समिति ने इस दावे को झूठ बताया है। एडवोकेट जगत पॉल ने कहा कि हाशमी केवल मीडिया में आकर झूठ फैला रहे हैं।
बालूगंज मस्जिद पर भी कब्जे का आरोप
समिति ने हाशमी पर पुराने मामलों को लेकर भी हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि हाशमी ने बालूगंज मस्जिद पर अवैध कब्जा जमा रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे खाली करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद वक्फ बोर्ड उनसे कब्जा वापस नहीं ले सका है। समिति का कहना है कि जो व्यक्ति खुद अवैध कब्जे में शामिल हो, उसकी बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। शिमला में अवैध निर्माण के खिलाफ समिति अपनी लड़ाई जारी रखेगी।
नियमों को ताक पर रखकर बनी इमारत
देवभूमि संघर्ष समिति ने मामले की कानूनी स्थिति भी स्पष्ट की है। समिति ने बताया कि शिमला नगर निगम के नियमों का उल्लंघन हुआ है।
- बिना अनुमति तोड़फोड़: पुराने ढांचे को गिराने से पहले कोई मंजूरी नहीं ली गई।
- अवैध निर्माण: नोटिस मिलने के बाद भी पांच मंजिला इमारत खड़ी कर दी गई।
- कानून का उल्लंघन: नियमों के अनुसार नया निर्माण बिना नक्शे के नहीं हो सकता।
समिति ने कहा कि वे न्यायालय का सम्मान करते हैं। उन्हें उम्मीद है कि कोर्ट नियमों के आधार पर ही फैसला सुनाएगा। पहले भी अवैध निर्माण के खिलाफ कड़े फैसले आए हैं।
