शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

शिमला निगम: मेयर कार्यकाल बढ़ाने पर भड़के कांग्रेस पार्षद, भाजपा के साथ मिलकर किया विरोध

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Himachal News: शिमला नगर निगम में सुक्खू सरकार के फैसले को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। सरकार ने मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल ढाई साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया है। इस फैसले के खिलाफ अब कांग्रेस के अपने ही पार्षद सड़क पर आ गए हैं। गुरुवार को निगम की बैठक में भाजपा पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया।

चौंकाने वाली बात यह रही कि कांग्रेस के तेरह पार्षद भी भाजपा के साथ खड़े हो गए। उन्होंने सरकार के फैसले का जमकर विरोध किया। नाराज पार्षदों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नगर निगम रोस्टर में बदलाव कर महिला आरक्षण से छेड़छाड़ की गई है। उनका कहना था कि शिमला मेयर का पद महिला के लिए आरक्षित होना चाहिए था।

कांग्रेस पार्षदों ने उठाए सवाल

कांग्रेस पार्षदों ने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर उनकी राय लिए बिना यह निर्णय लिया गया। इससे लोकतांत्रिक परंपराओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने महिला आरक्षण के मुद्दे को जोरशोर से उठाया। पार्षदों ने कहा कि रोस्टर के अनुसार ढाई साल बाद मेयर पद महिला को मिलना चाहिए था।

भाजपा पार्षद मेयर के सामने धरने पर बैठ गए। उन्होंने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। बैठक में लंबे समय तक हंगामा चलता रहा। महापौर सुरेंद्र चौहान ने पार्षदों की मांग पर प्रस्ताव सरकार को भेजने की बात कही। लेकिन पार्षद उनकी बात पर राजी नहीं हुए। हंगामे के बीच हाउस की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

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भाजपा पार्षदों ने दिया स्पष्टीकरण

भाजपा पार्षद कल्याण धीमान, कमलेश मेहता, आशा शर्मा और बिट्टू कुमार पाना ने संयुक्त रूप से बयान दिया। उन्होंने कहा कि रोस्टर से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले कार्यकाल में भी ढाई-ढाई साल के लिए ही मेयर और डिप्टी मेयर चुने गए थे। इस परंपरा को बनाए रखना जरूरी है।

बिट्टू कुमार पाना ने स्पष्ट कहा कि यह मामला दोबारा सदन में लाया जाए। उन्होंने वोटिंग के जरिए महापौर और उप महापौर के चुनाव की मांग की। उनका कहना था कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन होना चाहिए। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और सभी पार्षदों की राय सामने आ सकेगी।

महिला आरक्षण पर जोर

पार्षद कमलेश मेहता ने स्पष्ट किया कि उनका विरोध किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि रोस्टर प्रणाली में बदलाव भविष्य के लिए समस्या पैदा कर सकता है। कल्याण धीमान ने महिला आरक्षण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं को आरक्षण दिया गया है तो उनके अधिकार भी दिए जाने चाहिए।

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बैठक स्थगित होने के बीस मिनट बाद फिर से शुरू हुई। लेकिन कुछ ही देर बाद कांग्रेस के पंद्रह पार्षद भाजपा की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करके बाहर आ गए। इससे सदन में सरकार के खिलाफ माहौल बन गया। महापौर सुरेंद्र चौहान ने बाद में कहा कि उनके ध्यान में यह मामला नहीं था।

रोस्टर व्यवस्था को लेकर विवाद

भाजपा पार्षदों ने कहा कि चुनाव के रोस्टर से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में वोटिंग नहीं होने तक उनका विरोध जारी रहेगा। पार्षदों ने महिला आरक्षण के हक की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया। उनका कहना था कि यह मामला सिद्धांतों से जुड़ा हुआ है।

शिमला नगर निगम में यह विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। एक तरफ भाजपा विपक्ष के रूप में हमलावर है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के भीतर ही मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। इससे निगम के कामकाज पर असर पड़ने की आशंका है। अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में क्या रुख अपनाती है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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