Himachal News: नगर निगम शिमला को अगले ढाई साल के लिए महिला मेयर मिल सकती है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में रोस्टर जारी कर दिया है। रोस्टर के अनुसार मेयर पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा। डिप्टी मेयर की सीट सामान्य श्रेणी में है। वर्तमान मेयर सुरेंद्र चौहान और डिप्टी मेयर उमा कौशल का कार्यकाल 15 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
रोस्टर का विवरण
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी रोस्टर में स्पष्ट किया गया है कि मेयर पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा। यह व्यवस्था अगले ढाई साल के कार्यकाल के लिए लागू होगी। डिप्टी मेयर की सीट किसी भी श्रेणी के लिए खुली रहेगी। इस रोस्टर को अभी कैबिनेट की मंजूरी मिलनी बाकी है। कैबिनेट बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव
प्रदेश सरकार ने मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया था। इस प्रस्ताव के अनुसार कार्यकाल ढाई साल के बजाय पांच साल का होना था। लेकिन निर्वाचन आयोग ने इससे पहले ही रोस्टर जारी कर दिया है। अब सरकार को इस रोस्टर पर विचार करना होगा। कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव अभी लंबित है।
वर्तमान कार्यकाल
मौजूदा मेयर सुरेंद्र चौहान और डिप्टी मेयर उमा कौशल ने 15 मई 2023 को पद की शपथ ली थी। उनका ढाई साल का कार्यकाल 15 नवंबर 2024 को समाप्त हो रहा है। कार्यकाल पूरा होने में महज 28 दिन शेष रह गए हैं। इसके बाद नए मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी। राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों पर विचार कर रहे हैं।
राजनीतिक तैयारियां
मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए दावेदार सामने आने लगे हैं। विभिन्न राजनीतिक दल अपने संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार कर रहे हैं। चूंकि मेयर पद महिलाओं के लिए आरक्षित है, इसलिए महिला उम्मीदवारों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। डिप्टी मेयर पद के लिए पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवार मैदान में उतर सकते हैं। सभी दल जल्द ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकते हैं।
निर्वाचन प्रक्रिया
नगर निगम शिमला के पार्षद मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव करेंगे। चुनाव प्रक्रिया मौजूदा पार्षदों द्वारा ही संपन्न होगी। नए चुनाव की आवश्यकता नहीं है। मतदान गुप्त बैलेट के माध्यम से होगा। सभी पार्षद अपने मतदान अधिकार का प्रयोग करेंगे। बहुमत प्राप्त उम्मीदवार ही मेयर और डिप्टी मेयर चुने जाएंगे।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
शिमला नगर निगम में यह पहली बार नहीं है जब महिला मेयर बनने जा रही हैं। इससे पहले भी कई महिलाएं इस पद पर रह चुकी हैं। हालांकि इस बार का रोस्टर विशेष रूप से महिलाओं के लिए आरक्षण प्रदान करता है। इससे महिला प्रतिनिधित्व को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का यह एक प्रयास है।
