शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

शिमला मेयर: 23 अक्टूबर को कैबिनेट बैठक में होगा फैसला, विरोधी पार्षदों ने तेज की लॉबिंग

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Himachal News: नगर निगम शिमला के मेयर पद को लेकर राजनीतिक लॉबिंग तेज हो गई है। विरोधी पार्षदों ने एक गुट बनाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की तैयारी की है। वे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को नया मेयर बनाने का प्रस्ताव देंगे। वर्तमान मेयर सुरेंद्र चौहान और डिप्टी मेयर उमा कौशल इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। उनका कहना है कि यह फैसला मुख्यमंत्री करेंगे। मुख्यमंत्री ने 23 अक्टूबर को कैबिनेट बैठक बुलाई है जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा होगी।

विरोधी पार्षदों ने बनाया गुट

विरोधीbपार्षदों का एक समूह कैबिनेट बैठक से पहले मुख्यमंत्री से मिलने की योजना बना रहा है। यह गुट मुख्यमंत्री को नए मेयर के नाम का प्रस्ताव देगा। इन पार्षदों का मानना है कि नए लोगों को मौका मिलना चाहिए। उनका तर्क है कि सभी पार्षदों के पास मेयर पद संभालने का पर्याप्त अनुभव है। डिप्टी मेयर के लिए भी नए चेहरों को अवसर दिए जाने की मांग की जा रही है। इस मुद्दे पर पार्षदों के बीच गुपचुप बैठकें जारी हैं।

महिला मेयर की मांग को बल

भाजपा पार्षदों ने महिला मेयर की मांग को जोरशोर से उठाया है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार महिलाओं को प्राथमिकता देने की बात करती है। ऐसे में निगम में भी मेयर पद के लिए महिला को ही प्राथमिकता मिलनी चाहिए। कांग्रेसी पार्षद अब भाजपा पार्षदों के साथ मिलकर इस मांग को support कर रहे हैं। इस राजनीतिक एकजुटता ने महिला मेयर की संभावनाओं को बढ़ा दिया है। मेयर कार्यालय में इन दिनों पार्षदों का आना-जाना कम हो गया है।

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वर्तमान मेयर ने जताई उदासीनता

वर्तमान मेयर सुरेंद्र चौहान और डिप्टी मेयर उमा कौशल इस मामले में कोई टिप्पणी करने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि उनका फोकस शहर के विकास कार्यों पर है। मेयर चौहान ने स्पष्ट किया कि यह फैसला मुख्यमंत्री करेंगे और वे उसका पालन करेंगे। उन्होंने बताया कि वे अभी भी शहर के विकास कार्यों में लगे हुए हैं। इस बयान से साफ जाहिर है कि वर्तमान मेयर इस मामले में तटस्थ रुख अपनाए हुए हैं।

23 अक्टूबर को कैबिनेट बैठक

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 23 अक्टूबर को कैबिनेट बैठक बुलाई है। इस बैठक में नगर निगम शिमला के मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर प्राथमिकता से चर्चा होगी। मुख्यमंत्री पहले ही यह तय कर चुके हैं कि मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा। लेकिन अब कई पार्षद इसका विरोध कर रहे हैं। मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर मंत्रियों के साथ विस्तृत चर्चा करेंगे। कैबिनेट में कार्यकाल बढ़ाने के मुद्दे पर भी विचार होगा।

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राजनीतिक गतिविधियों में तेजी

मेयर पद को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। पार्षदों के बीच गठबंधन बदल रहे हैं। कांग्रेसी पार्षद अब भाजपा पार्षदों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इस नए गठजोड़ ने राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं। मेयर कार्यालय में पहले जहां पांच से सात पार्षद आते थे, अब उनकी संख्या कम हो गई है। पार्षदों ने मेयर कार्यालय जाना कम कर दिया है। हाउस में नए मेयर के चयन को लेकर चर्चा होनी तय है, लेकिन उससे पहले अगला मेयर तय हो जाएगा।

महिला आरक्षण की बहस

भाजपा पार्षदों ने महिला आरक्षण के मुद्दे को उछाला है। उनका तर्क है कि जब प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है तो निगम में भी महिला को मेयर पद दिया जाना चाहिए। इस मांग को कांग्रेसी पार्षदों का भी समर्थन मिल रहा है। इससे महिला उम्मीदवार के चयन की संभावना बढ़ गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महिला मेयर की मांग को लेकर सभी दल एकमत हो सकते हैं। इससे नए मेयर के चयन में आसानी होगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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