Himachal News: शिमला के आईजीएमसी में हुई रैगिंग की घटना पर कॉलेज प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद दो सीनियर एमबीबीएस छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। इन छात्रों पर अगले तीन महीने तक परीक्षा देने पर भी रोक लगा दी गई है। जांच में मामले को छिपाने वाले पांच अन्य सीनियर छात्रों की भूमिका भी सामने आई है।
दोषियों पर लगा भारी जुर्माना
कॉलेज कमेटी ने दोषी छात्रों पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। उन्हें तत्काल प्रभाव से छात्रावास से बाहर कर दिया गया है। सजा की अवधि के दौरान उनके पुराने परीक्षा परिणाम भी घोषित नहीं किए जाएंगे। कॉलेज प्रशासन ने मेडिकल यूनिवर्सिटी को परीक्षा रोकने के संबंध में सूचना भेज दी है। प्रशासन ने रैगिंग के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए यह कड़ा फैसला लिया है।
नियम तोड़कर हॉस्टल बुलाए गए जूनियर्स
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जूनियर छात्रों को जबरन हॉस्टल बुलाया गया था। पांच अन्य सीनियर छात्रों को इसकी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने रिपोर्ट नहीं की। कॉलेज नियमों के विरुद्ध जाकर जूनियर्स के साथ अनाधिकृत बैठक की गई। एक सीनियर छात्र ने तीन जूनियर्स को अपने कमरे में बुलाया था। जांच में पाया गया कि जिस छात्र के नाम पर कमरा था, वह भी वहां मौजूद था।
कड़ी निगरानी में होगी इंटर्नशिप
दोषी छात्रों को अपनी शेष पढ़ाई और अनिवार्य इंटर्नशिप के दौरान ‘कंडक्ट प्रोबेशन’ पर रखा जाएगा। इसका मतलब है कि उनके व्यवहार पर लगातार नजर रखी जाएगी। यह घटना 9 दिसंबर की रात को हुई थी। इसके बाद 12 दिसंबर को प्राचार्य की अध्यक्षता में बैठक हुई। कमेटी ने स्पष्ट किया है कि शिक्षण संस्थान में अनुशासनहीनता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
