Himachal News: शिमला के लक्कड़ बाजार इलाके में एक हरे पेड़ की अवैध कटाई को लेकर गुरुवार को बड़ा विवाद खड़ा हो गया। स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने वन विभाग और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। लोगों का कहना है कि पेड़ बिना किसी अनुमति के काटा गया।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि यह स्थान किसी निर्माण कार्य के लिए अधिसूचित नहीं था। न ही इसके लिए कोई सार्वजनिक अनुमति जारी की गई थी। स्थानीय लोगों ने पर्यावरण के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया। उनका कहना है कि इससे शहर के पहले से खराब पर्यावरण संतुलन पर और बुरा असर पड़ेगा।
रात के अंधेरे में हुई कटाई
सूत्रों के अनुसार पेड़ काटने का कार्य देर रात किया गया था। इससे यह शक और गहरा गया है कि मामला नियमों के विरुद्ध हुआ है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत वन विभाग के उच्च अधिकारियों से की है। शिकायत डीसी कार्यालय तक भी पहुंचाई गई है।
एक स्थानीय निवासी ने कहा कि वे रोजाना पर्यावरण संरक्षण की बातें सुनते हैं। लेकिन सरकारी विभाग खुद नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यही हाल रहा तो शिमला की हरियाली जल्द खत्म हो जाएगी।
वन विभाग ने जांच का दिया आश्वासन
वन विभाग ने आधिकारिक बयान जारी किया है। विभाग ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। अगर अवैध कटाई पाई गई तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की।
लक्कड़ बाजार में हरे पेड़ की कटाई ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना पर्यावरण संरक्षण और सरकारी जिम्मेदारी पर चिंता पैदा करती है। हिमाचल जैसे हरित राज्य में ऐसे मामले कानून का सीधा उल्लंघन हैं।
स्थानीय लोग पारदर्शी जांच की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। इस घटना ने शहर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर नई बहस छेड़ दी है। नागरिक अपने पर्यावरणीय अधिकारों की रक्षा चाहते हैं।
