Shimla News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आईजीएमसी विवाद गहरा गया है। बर्खास्त डॉक्टर राघव के समर्थन में प्रदेश भर के 2800 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर आज सामूहिक छुट्टी पर हैं। यह मामला अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पहुंच गया है। डॉक्टर्स ने चेतावनी दी है कि मांग पूरी नहीं हुई तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
सीएम सुक्खू से मिलेंगे नाराज डॉक्टर्स
शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में माहौल तनावपूर्ण है। रेजिडेंट डॉक्टर्स ने 26 दिसंबर को ‘कैजुअल लीव’ का ऐलान किया है। वे आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात करेंगे। डॉक्टर्स की मांग है कि डॉक्टर राघव की बर्खास्तगी तुरंत रद्द की जाए। यदि सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाया, तो डॉक्टर शनिवार सुबह 9:30 बजे से पूर्ण हड़ताल पर जा सकते हैं। हालांकि, मरीजों की परेशानी को देखते हुए इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी।
पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, वीडियो पर सवाल
इस मामले ने अब राष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ लिया है। आईजीएमसी के डॉक्टर दिव्यांश सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में दावा किया गया है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो आधा-अधूरा है। डॉक्टर्स का कहना है कि क्लिप को क्रॉप करके फैलाया गया, जिससे उनकी छवि खराब हुई। पत्र में लिखा गया है कि स्वास्थ्य संस्थानों में हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी, लेकिन डॉक्टर्स को आत्मरक्षा का अधिकार है। दिल्ली एम्स (AIIMS) के डॉक्टर्स ने भी अब शिमला के डॉक्टर्स का समर्थन किया है।
बर्खास्तगी और पुलिस कार्रवाई
राज्य सरकार ने डॉक्टर राघव को मारपीट का दोषी मानते हुए नौकरी से निकाल दिया था। उनका कॉन्ट्रैक्ट भी रद्द कर दिया गया है। पुलिस ने गुरुवार को मरीज और अन्य लोगों के बयान दर्ज किए हैं। डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि डॉक्टर को धमकाने वाले नरेश दस्ता के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हो। फिलहाल आईजीएमसी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पल-पल की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। सीएम के साथ होने वाली बैठक के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा।
