रविवार, दिसम्बर 28, 2025

Shimla: अस्पतालों में मचा हाहाकार, डॉक्टरों की हड़ताल से 75 ऑपरेशन टले, मरीजों की सांसें अटकीं!

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के अस्पतालों में इलाज के लिए आए मरीजों को भारी मायूसी का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार सुबह आईजीएमसी (IGMC) और डीडीयू अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं। ओपीडी सेवाएं ठप होने से मरीज यहां-वहां भटकने को मजबूर हो गए। Himachal News के अनुसार, इस हड़ताल का सबसे बुरा असर सर्जरी वाले मरीजों पर पड़ा है।

सैकड़ों ऑपरेशन लटके, मरीज परेशान

डॉक्टरों की इस हड़ताल के कारण आईजीएमसी और कमला नेहरू अस्पताल (KNH) में करीब 75 ऑपरेशन टालने पड़े हैं। आम दिनों में यहां रोज 50 के करीब सर्जरी होती हैं। अब यह आंकड़ा सिमटकर महज 8 से 10 रह गया है। हर रोज करीब 40 जरूरी ऑपरेशन टल रहे हैं। अगर हालात नहीं सुधरे, तो आने वाले दिनों में मरीजों को दी गई सर्जरी की तारीखें बदलनी पड़ेंगी। इससे मरीजों और उनके तीमारदारों की चिंता बढ़ गई है।

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मरीजों ने बयां किया अपना दर्द

डीडीयू अस्पताल में ओपीडी पूरी तरह बंद रही। अस्पताल के गेट पर बैठे मरीज सुरेंद्र ने बताया कि उन्हें प्लास्टर कटवाना था, लेकिन कोई डॉक्टर नहीं मिला। कुफटाधार की रीना ठाकुर और आनी की सोमा देवी को भी बिना इलाज घर लौटना पड़ा। दूर-दराज के इलाकों जैसे मशोबरा, कोटखाई और करसोग से आए मरीज डॉक्टरों का इंतजार करते रहे। जांच के लिए आई गर्भवती महिलाओं को भी घंटों कतार में खड़े रहने के बाद निराशा हाथ लगी।

प्रोफेसरों ने संभाली ओपीडी की कमान

रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के बाद सीनियर डॉक्टरों और प्रोफेसरों ने मोर्चा संभाला। उन्होंने ओपीडी में बैठकर मरीजों का चेकअप किया। इमरजेंसी में भी कंसल्टेंट डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि, रेजिडेंट डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के कारण व्यवस्था को सुचारू रखना मुश्किल हो रहा है। आईजीएमसी प्रशासन ने मीडिया कवरेज को रोकने के लिए सुरक्षा कर्मियों को भी तैनात किया था।

क्यों हड़ताल पर हैं डॉक्टर?

रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (RDA) एक बर्खास्त डॉक्टर की बहाली की मांग कर रही है। उनका कहना है कि मारपीट के मामले में हुई कार्रवाई गलत है। वहीं, सरकार का रुख इस पर सख्त है। मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पहले ही जांच के आदेश दे चुके थे। ऐसे में डॉक्टरों को हड़ताल पर जाने के बजाय जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था। सरकार बातचीत के जरिए रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है।

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सोमवार को बढ़ सकता है संकट

रविवार को छुट्टी के कारण ओपीडी बंद रहेगी, लेकिन इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी। असली चुनौती सोमवार को सामने आ सकती है। Himachal News के मुताबिक, सप्ताह का पहला दिन होने के कारण अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ेगी। अगर तब तक हड़ताल खत्म नहीं हुई, तो स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर सकती है। ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य केंद्रों में भी हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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