Shimla News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने परवाणू-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग की दयनीय स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने सनवारा टोल प्लाजा पर वाहनों से टोल वसूली पर 20 सितंबर से 30 अक्तूबर तक के लिए तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पारित किया गया।
न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की पीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। अदालत ने इस दौरान सड़क मरम्मत के काम पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके बाद ही टोल वसूली दोबारा शुरू हो सकेगी। यह राहत भले ही अस्थायी हो, लेकिन यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत की बात है।
हाईकोर्ट ने सोलन के उपायुक्त को भी निर्देश जारी किए हैं। उन्हें नेशनल हाईवे अथॉरिटी को सड़क सुधार कार्य में पूरा सहयोग देने को कहा गया है। साथ ही, उपायुक्त को कानून-व्यवस्था की स्थिति का आकलन करने का भी आदेश मिला है। यह कदम शीघ्र और कुशल कार्य सुनिश्चित करने के लिए है।
लोक निर्माण विभाग (PWD) को भी अदालत से स्पष्ट निर्देश मिले हैं। विभाग को कैथलीघाट से शिमला तक के हिस्से की मरम्मत का काम तुरंत शुरू करना होगा। इस खंड पर यातायात का दबाव सबसे अधिक है। नियमित रखरखाव के अभाव में यह खंड बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया था।
इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतिदिन 10,000 से 15,000 वाहन आवागमन करते हैं। इतनी भारी यातायात आवाजाही के बावजूद सड़क की हालत लगातार खराब बनी रही। इससे हजारों यात्रियों और वाहन चालकों को रोजाना कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। टोल प्लाजा से लाखों रुपये की दैनिक आय के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी।
हाईकोर्ट का यह फैसला आम जनता के हित में एक सराहनीय कदम माना जा रहा है। इससे टोल संग्रहकर्ताओं पर सड़क की गुणवत्ता सुधारने का दबाव बनेगा। अब प्राधिकरणों के लिए सड़क मरम्मत के काम में और देरी करना संभव नहीं रह गया है। इस आदेश का पालन सुनिश्चित करना अब प्रशासन की जिम्मेदारी है।
इस मामले में दायर जनहित याचिका ने एक बड़े मुद्दे को उजागर किया है। यह मामला सार्वजनिक धन के उचित उपयोग और बुनियादी ढांचे की जवाबदेही से जुड़ा हुआ है। अदालत के हस्तक्षेप के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस महत्वपूर्ण सड़क मार्ग की स्थिति में सुधार आएगा। इससे पूरे क्षेत्र के यातायात को फायदा मिलेगा।
