शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

शिमला: हाईकोर्ट ने माल रोड को वीआईपी पार्किंग बनाने पर सरकार से मांगा जवाब, 26 नवंबर को अगली सुनवाई

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला की ऐतिहासिक माल रोड को वीआईपी पार्किंग जोन बनाने के सरकार के निर्णय पर सवाल उठाए हैं। अदालत ने सरकार से विस्तृत जानकारी मांगी है कि किन नियमों के आधार पर इस सार्वजनिक स्थल को विशिष्ट वर्ग के लिए आरक्षित किया गया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया की अगुवाई वाली खंडपीठ ने यह आदेश पारित किए।

अदालत ने सरकार से माल रोड पर येलो लाइन लगाने से संबंधित सभी दस्तावेज अदालत के समक्ष पेश करने को कहा है। सुनवाई के दौरान सरकार यह अधिसूचना पेश नहीं कर सकी जिसमें माल रोड पर पार्किंग के लिए येलो लाइन लगाने का जिक्र हो। अदालत ने अब मामले की सुनवाई छब्बीस नवंबर तक के लिए स्थगित की है।

रॉक-सी होटल से विलो बैंक तक का हिस्सा हो रहा प्रभावित

अदालत में पेश हुई जानकारी के अनुसार रॉक-सी होटल से होटल विलो बैंक तक के प्रतिबंधित हिस्से को पार्किंग स्थल बनाया जा रहा है। इस क्षेत्र में अक्सर राज्यपाल कार्यालय के वाहनों सहित सांसदों और विधायकों की गाड़ियां पार्क रहती हैं। अदालत ने इस प्रथा पर गंभीर चिंता जताई है।

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खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि इस क्षेत्र को अधिकतम ड्रॉप जोन ही माना जा सकता है। अदालत ने सवाल किया कि क्या वाहनों को ले जाने की अनुमति का उपयोग दिन भर या रात भर पार्किंग के लिए किया जा सकता है। इस पर सरकार संतोषजनक जवाब देने में विफल रही।

जनहित याचिका पर हो रही सुनवाई

यह मामला एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सामने आया। याचिका में शिमला की सड़कों के किनारे कूड़े-कचरे की समस्या को उठाया गया था। बाद में अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए माल रोड के पार्किंग जोन बनाए जाने का मुद्दा शामिल किया।

याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि माल रोड को विधायकों और मंत्रियों के लिए येलो लाइन लगाकर पार्किंग स्थल में बदला जा रहा है। आशंका जताई गई कि भविष्य में अन्य रसूखदारों के लिए यह येलो लाइन और लंबी खींची जाएगी। इससे माल रोड की ऐतिहासिक पहचान को खतरा है।

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सरकार से मांगे गए जवाब

हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार के गृह सचिव और एसएसपी शिमला से जवाब तलब किया है। अदालत ने सरकार से पार्किंग व्यवस्था के लिए बनाए गए नियमों की जानकारी मांगी है। साथ ही यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि क्या सार्वजनिक स्थल को इस तरह आरक्षित करना कानून सम्मत है।

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि पहली बार माल रोड जैसे ऐतिहासिक स्थल को पार्किंग स्थल बनाकर न्यायिक आदेश के साथ गतिरोध पैदा करने की कोशिश की जा रही है। अदालत ने सरकार की ओर से पेश हुए वकील से कठोर सवाल पूछे और संतुष्ट नहीं हुई।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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