Shimla News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला देश के सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में लगातार पिछड़ रहा है। हाल ही में जारी स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में शिमला को 347वां स्थान मिला है। यह इसका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। यह गिरावट चिंता का विषय बन गई है।
साल 2016 में शिमला शीर्ष 30 स्वच्छ शहरों में 27वें स्थान पर था। तब से इसकी रैंकिंग में लगातार गिरावट देखी जा रही है। 2017 में यह 47वें, 2018 में 144वें और 2019 में 127वें स्थान पर रहा। 2020 में थोड़ा सुधार हुआ और शहर 65वें पायदान पर पहुंच गया। पिछले साल यह 56वें स्थान पर था। इस साल अचानक हुई भारी गिरावट ने सभी को हैरान कर दिया है।
इस बार शिमला को कुल 4798 अंक ही प्राप्त हुए। एक प्रमुख कारण महंगी सफाई मशीनरी का उचित उपयोग न होना है। करोड़ों रुपये की यंत्रीकरण क्षमता के बावजूद सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं दिख रहा है। मशीनों का पूरा लाभ नहीं उठाया जा रहा है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को भी इस गिरावट के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। सफाई अभियानों से उनकी दूरी बनी हुई है। इससे नियमित सफाई कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं। आम जनता की भागीदारी में भी कमी आई है। हालांकि, सर्वेक्षण में नागरिकों ने शहर की सफाई को अच्छा बताया।
इस खराब रैंकिंग ने शहर के प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। शिमला को अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस पाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। नई रणनीति में तकनीक का बेहतर इस्तेमाल और जन जागरूकता शामिल होनी चाहिए। सक्रिय नेतृत्व और सामुदायिक सहयोग से ही स्थिति में सुधार संभव है।
