Himachal News: शिमला सिटी बस चालक-परिचालक यूनियन ने जिला प्रशासन और एचआरटीसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यूनियन ने सोमवार को शिमला शहर में बसें नहीं चलाने का फैसला किया है। इस हड़ताल के कारण शहर में यातायात व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका है। सप्ताह के पहले दिन कार्यालय और स्कूल जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
शिमला सिटी निजी बस ऑपरेटरों ने भी चालक-परिचालकों की हड़ताल का समर्थन किया है। ऑपरेटरों का कहना है कि वे चाहकर भी बसें नहीं चला सकते क्योंकि चालक-परिचालकों ने ही बसें चलाने से मना कर दिया है। शहर में यातायात संकट गहराने की आशंका है।
हड़ताल का कारण
शिमला सिटी बस चालक परिचालक यूनियन के अध्यक्ष रूपलाल ठाकुर और सचिव अखिल गुप्ता ने बताया कि शनिवार को यूनियन की बैठक हुई। बैठक में सोमवार को बस हड़ताल का फैसला लिया गया। यूनियन ने निजी बस ऑपरेटरों को पहले ही नोटिस दे दिया था। प्रशासन को भी इसकी जानकारी दी गई थी।
यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि पिछले नौ महीने में वे पांच बार जिला उपायुक्त से मिल चुके हैं। मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन सौंपा गया था। लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है। इसलिए हड़ताल करने का फैसला लिया गया है।
मुख्य मांगें
शिमला सिटी बस चालक-परिचालक यूनियन की कई मांगें हैं। शहर में ट्रैफिक जाम के कारण उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है। यूनियन शहर के चालीस किलोमीटर के दायरे से आने वाली बसों को पुराना बस स्टैंड की बजाय सीधे आईएसबीटी भेजने की मांग कर रही है। यह मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है।
एचआरटीसी की स्कूल ड्यूटी वाली बसें सवारियां उठाती हैं। इसके कारण आए दिन एचआरटीसी और निजी बस चालक-परिचालकों के बीच विवाद होते हैं। डीजल डलवाने और चार्जिंग करवाने के लिए वर्कशॉप गई बसें भी रास्ते से सवारियां उठा लेती हैं।
अन्य मांगें
पुराना बस स्टैंड में निजी बस चालक-परिचालकों के लिए रैस्ट रूम की मांग भी की गई है। यह मांग भी अभी तक पूरी नहीं हुई है। चालक-परिचालकों को लंबे समय तक काम करना पड़ता है। उनके लिए आराम करने की उचित व्यवस्था नहीं है।
शिमला सिटी निजी बस ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव सुनील चौहान ने कहा कि ऑपरेटरों के हाथ बंधे हुए हैं। वे चाहकर भी बसें नहीं चला सकते क्योंकि चालक-परिचालकों ने ही बसें चलाने से मना कर दिया है। ऑपरेटर भी प्रशासन से अपनी समस्याओं के समाधान की मांग कर रहे हैं।
शहर पर प्रभाव
सोमवार को शिमला के रिज मैदान पर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण होना है। इस अवसर पर शहर में भारी संख्या में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के पहुंचने की संभावना है। इसके चलते शहर में भीड़ बढ़ सकती है।
बस हड़ताल और राजनीतिक कार्यक्रम के कारण शहर में यातायात व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। लोगों को कार्यालय और स्कूल जाने में परेशानी हो सकती है। सप्ताह के पहले दिन ही लोगों को समय से पहले घरों से निकलना पड़ सकता है।
