शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

शिमला: खुले में शराब पीने वालों पर जुर्माना और जेल, प्रशासन ने कसा शिकंजा

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Himachal News: शिमला में अब सड़क किनारे या पार्क जैसे सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीना आपको भारी पड़ सकता है। जिला प्रशासन ने खुले में शराब पीने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है। उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में हुई जिला स्तरीय एन-कोर्ड समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके तहत एक्साइज एक्ट की धारा 46 के अंतर्गत पांच हजार रुपये तक का जुर्माना और तीन महीने तक की जेल का प्रावधान है।

यह कार्रवाई राज्य सरकार के ‘चिट्टा मुक्त हिमाचल’ अभियान का एक हिस्सा है। इस अभियान का लक्ष्य समाज को नशीले पदार्थों से मुक्त करना है। उपायुक्त ने सभी नागरिकों, अधिकारियों और हितधारकों से इस मुहिम में सहयोग देने की अपील की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस संकल्प को पूरा करने के लिए समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।

बैठक में हुई इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा

बैठक मेंमादक द्रव्यों के सेवन और उनकी रोकथाम से जुड़े कई अहम मुद्दों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इनमें ड्रग ट्रैफिकिंग के नए ट्रेंड्स पर नजर रखना और खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान शामिल था। चुरा पोस्त और गांजे जैसी नशीली फसलों की गैर-कानूनी खेती पर नजर रखने पर भी चर्चा हुई। स्कूलों और कॉलेजों में नशा विरोधी जागरूकता अभियान चलाने पर सभी ने सहमति जताई।

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वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों पर भी नजर

नए निर्देशोंमें केवल सार्वजनिक पीने पर ही रोक नहीं है। प्रशासन ने होटल और मैरिज पैलेस जैसे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों पर भी सख्त नजर रखने का फैसला किया है। अगर कोई बैंक्वेट हॉल या पार्टी लॉन बिना आवश्यक L-50B लाइसेंस के शराब परोसता पाया जाता है तो उस पर भारी जुर्माना लगेगा। पहली बार उल्लंघन पर पचास हजार रुपये का दंड दिया जाएगा।

दूसरी बार उल्लंघन करने पर जुर्माना बढ़ाकर पचहत्तर हजार रुपये कर दिया जाएगा। तीसरी या उसके बाद की बार उल्लंघन करने पर प्रतिष्ठान को एक लाख रुपये का भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसी तरह, अगर कोई L-3, L-4, L-5 जैसे लाइसेंसधारी अपने परिसर की सीमा से बाहर बिना L-6A लाइसेंस के शराब बेचते हैं तो उनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।

पंचायत स्तर पर मजबूत होगी सूचना प्रणाली

उपायुक्त अनुपम कश्यप नेबैठक के दौरान कहा कि नशे के अवैध कारोबार पर रोकथाम के लिए पंचायत स्तर पर सूचना प्रणाली को मजबूत करना बेहद जरूरी है। इससे नशे का कारोबार करने वाले लोगों के बारे में तुरंत जानकारी जांच एजेंसियों तक पहुंच सकेगी। उन्होंने कहा कि नशा निवारण समितियों के जरिए नशामुक्त हिमाचल बनाने के लक्ष्य पर तेजी से काम चल रहा है।

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बैठक में अवैध खेती और ड्रग्स के हानिकारक प्रभावों से प्रभावित इलाकों में जागरूकता अभियान चलाने पर सहमति बनी। साथ ही, राज्यों के बीच होने वाले अवैध कारोबार के मामलों की जांच की प्रगति पर नजर रखने का भी निर्णय लिया गया। इन सभी कदमों का मकसद राज्य को नशे की समस्या से पूरी तरह मुक्त करना है।

बैठक में मौजूद रहे यह अधिकारी

इस महत्वपूर्ण बैठक मेंअतिरिक्त उपायुक्त दिव्यांशु सिंघल ने हिस्सा लिया। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कानून एवं व्यवस्था पंकज शर्मा भी बैठक में मौजूद रहे। एसी टू डीसी देवी चंद ठाकुर और डीएसपी अमित ठाकुर ने भी अपने सुझाव दिए। जिले के सभी एसडीएम, डीएसपी और स्वास्थ्य तथा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस चर्चा में भाग लिया और अपनी प्रतिबद्धता जताई।

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