New Delhi News: अगर आप Share Market में पैसा लगाते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। साल के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर से ट्रेडिंग के नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। यह बदलाव फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) सेगमेंट में किया गया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) अब कई प्रमुख इंडेक्स के लॉट साइज (Lot Size) बदलने वाला है। इसका सीधा असर Share Market के ट्रेडर्स की जेब और रणनीति पर पड़ेगा।
निफ्टी और बैंक निफ्टी के लॉट में कटौती
NSE के सर्कुलर के मुताबिक, निफ्टी 50, बैंक निफ्टी और अन्य इंडेक्स के लॉट साइज घटा दिए गए हैं। अब निफ्टी 50 का लॉट साइज 75 से घटकर 65 हो जाएगा। निफ्टी बैंक का लॉट 35 की जगह अब 30 का होगा। इसके अलावा, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज का लॉट 65 से कम होकर 60 किया गया है। निफ्टी मिडकैप सेलेक्ट का लॉट भी 140 से घटाकर 120 कर दिया गया है। हालांकि, Share Market में निफ्टी नेक्स्ट 50 के लॉट साइज में कोई बदलाव नहीं होगा।
कब से लागू होंगे नए कॉन्ट्रैक्ट?
यह बदलाव जनवरी 2026 की एक्सपायरी साइकिल से प्रभावी होंगे। 30 दिसंबर 2025 तक सभी वीकली और मंथली कॉन्ट्रैक्ट पुराने लॉट साइज पर ही चलेंगे। Share Market में 6 जनवरी 2026 से वीकली कॉन्ट्रैक्ट नए लॉट साइज के साथ शुरू होंगे। इसी तरह, 27 जनवरी 2026 की मंथली एक्सपायरी भी नए नियमों पर आधारित होगी। तिमाही और छमाही कॉन्ट्रैक्ट भी 30 दिसंबर के बाद अपने आप नए साइज में बदल जाएंगे।
छोटे निवेशकों को मिलेगा फायदा
इस बदलाव से Share Market में रिटेल निवेशकों को राहत मिल सकती है। लॉट साइज छोटा होने का मतलब है कि अब ट्रेडिंग के लिए कम पूंजी (Capital) की जरूरत होगी। इससे कॉन्ट्रैक्ट ज्यादा किफायती हो जाएंगे। हालांकि, मौजूदा ट्रेडर्स को अपनी पोजीशन और मार्जिन मनी को नए हिसाब से मैनेज करना होगा। NSE का उद्देश्य कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू को एक स्टैंडर्ड रेंज में रखना है ताकि बाजार सुचारू रूप से चलता रहे।
