New Delhi: अमेरिका के बाद अब मेक्सिको ने भी व्यापार युद्ध में बड़ा कदम उठाया है। मेक्सिको ने चीन और भारत समेत कई एशियाई देशों के उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाने का फैसला किया है। इस खबर से वैश्विक शेयर मार्केट (Share Market) और व्यापार जगत में हलचल तेज हो गई है। मेक्सिको की सीनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह बढ़ा हुआ आयात शुल्क साल 2026 से लागू होगा। इसका सीधा असर उन देशों पर पड़ेगा जिनका मेक्सिको के साथ मुक्त व्यापार समझौता नहीं है।
किन उत्पादों पर लगेगा 50% टैक्स?
मेक्सिको सरकार ने घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए यह सख्त फैसला लिया है। नए नियमों के अनुसार, स्टील, कपड़े, प्लास्टिक, ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स पर 50% तक टैरिफ लगेगा। इसके अलावा कई अन्य वस्तुओं पर शुल्क को बढ़ाकर 35% किया जाएगा। सरकार का मानना है कि सस्ते विदेशी सामान से उनकी लोकल फैक्ट्रीज को नुकसान हो रहा है। इस फैसले से चीन और दक्षिण एशिया के निर्यातकों को बड़ा झटका लगा है।
भारतीय शेयर मार्केट पर कैसा होगा असर?
इस खबर का भारतीय शेयर मार्केट पर मिला-जुला असर देखने को मिल सकता है। जानकारों के मुताबिक, मेक्सिको के इस कदम से भारत को नुकसान कम और फायदा ज्यादा हो सकता है। मेक्सिको अब चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है। इसका सीधा लाभ भारतीय कंपनियों को मिल सकता है। ‘चीन प्लस वन’ की रणनीति के तहत भारतीय विनिर्माण सेक्टर के लिए नए रास्ते खुलेंगे। इससे घरेलू बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
इन सेक्टर्स और शेयरों को मिलेगा फायदा
मेक्सिको द्वारा चीन से किनारा करने पर भारतीय कंपनियों को नए ऑर्डर मिल सकते हैं। इसका असर टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स और प्लास्टिक इंडस्ट्री के शेयरों पर दिखेगा।
- टेक्सटाइल: गोकलदास एक्सपोर्ट्स, केपीआर मिल और वर्धमान टेक्सटाइल्स जैसे शेयरों में तेजी आ सकती है।
- ऑटो पार्ट्स: मदरसन, भारत फोर्ज और सोना बीएलडब्ल्यू जैसी कंपनियों को फायदा हो सकता है।
- अन्य: डिक्सन और एम्बर जैसी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के साथ एस्ट्रल और सुप्रीम इंडस्ट्रीज पर भी शेयर मार्केट की नजर रहेगी।
अरबों डॉलर का है भारत-मेक्सिको व्यापार
भारत और मेक्सिको के बीच व्यापारिक रिश्ते काफी मजबूत रहे हैं। साल 2024 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार करीब 11.71 अरब डॉलर (US$ 11.71 Billion) का था। भारत वहां गाड़ियां, दवाइयां और इंजीनियरिंग का सामान बेचता है। हालांकि, टैरिफ बढ़ने से भारतीय निर्यातकों के लिए चुनौतियां जरूर बढ़ेंगी। फिर भी, शेयर मार्केट के एक्सपर्ट्स इसे भारत के लिए एक बड़े अवसर के रूप में देख रहे हैं। अब देखना होगा कि अमेरिका इस नए टैरिफ नियम पर क्या प्रतिक्रिया देता है।