Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सराज में बादल फटने की त्रासदी ने भारी तबाही मचाई। बारह दिनों तक चले सर्च ऑपरेशन को प्रशासन ने फिलहाल रोक दिया है। मंडी जिले में 17 लोग अभी भी लापता हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें अब राहत कार्यों पर ध्यान देंगी। ब्यास नदी के किनारे हमीरपुर और कांगड़ा में तलाश जारी रहेगी। ड्रोन से निगरानी भी चल रही है।
सर्च ऑपरेशन में बदलाव
प्रशासन ने थुनाग, जरोल, बगस्याड, लंबाथाच, शिल्ही बागी, बाड़ा और पखरैर में सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया। जवानों को अगले आदेश तक राहत सामग्री बांटने और सुरक्षा कार्यों में लगाया गया है। डॉग स्क्वायड को भी वापस बुला लिया गया। हमीरपुर और कांगड़ा पुलिस को ब्यास नदी के किनारे नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। ड्रोन के जरिए मंडी पुलिस लापता लोगों की तलाश जारी रखेगी।
ड्रोन से उम्मीदों की उड़ान
मंडी पुलिस ने ड्रोन के जरिए सर्च ऑपरेशन को सीमित रूप में जारी रखने का फैसला किया है। एसपी साक्षी वर्मा ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में ड्रोन से निगरानी हो रही है। यह तकनीक लापता लोगों का पता लगाने में मददगार साबित हो सकती है। हालांकि, बारह दिन बीतने के बाद उम्मीदें कम हो रही हैं, लेकिन पुलिस पूरी कोशिश कर रही है। प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री भी पहुंचाई जा रही है।
लापता लोगों को मृत घोषित करने की तैयारी
सराज त्रासदी के बाद लापता 17 लोगों को मृत घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मंडी पुलिस की अंतिम रिपोर्ट के बाद प्रशासन उनके परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करेगा। त्रासदी में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। पंगलियूर गांव में चार लोगों ने जान गंवाई, जबकि सैंज, बाड़ा, थुनाग और करसोग में भी कई लोग इस आपदा का शिकार बने।
त्रासदी ने छीनीं 15 जिंदगियां
सराज में बादल फटने से 15 लोगों की जान चली गई। सैंज की देवकु देवी, कनिका, पार्वती देवी और इंद्र देव इस त्रासदी में नहीं बचे। बाड़ा के विधि सिंह और मनगहरी देवी, तल्वाड़ा के रमेश कुमार, थुनाग के बुद्घि सिंह और करसोग के जीतराम व ललित कुमार की भी मौत हुई। नगरोटा सूरियां में एक अज्ञात शव मिला। ब्यास नदी के किनारे तलाश अब भी जारी है।
