India News: सितंबर महीने की शुरुआत कई महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आ रही है। ये बदलाव डाक सेवाओं, बैंकिंग, कर और बीमा क्षेत्र को प्रभावित करेंगे। आम नागरिकों से लेकर व्यापारियों तक पर इनका असर पड़ेगा। इनमें से कुछ बदलाव एक सितंबर से ही लागू हो जाएंगे।
डाक सेवाओं में बड़ा बदलाव
भारतीय डाक विभाग रजिस्टर्ड डाक सेवा का स्पीड पोस्ट में विलय कर रहा है। इससे डाक भेजने की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। डाक के समय पर पहुंचने की संभावना बढ़ेगी। यह बदलाव डाक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।
एसबीआई कार्ड रिवार्ड में संशोधन
एसबीआई क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए रिवार्ड पॉइंट नियम बदल रहे हैं। डिजिटल गेमिंग और सरकारी लेनदेन पर अब पॉइंट नहीं मिलेंगे। इससे कार्ड का उपयोग करने वाले ग्राहक प्रभावित होंगे। नए नियम सितंबर महीने से लागू होंगे।
आयकर रिटर्न की अंतिम तिथि
व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर है। इस तिथि तक रिटर्न दाखिल न करने पर जुर्माना लग सकता है। करदाताओं को समय रहते अपने दस्तावेज तैयार कर लेने चाहिए। यह समय सीमा सभी नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है।
पेंशन सिस्टम में बदलाव
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एनपीएस से यूपीएस में switch करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर है। इस तिथि के बाद यह विकल्प उपलब्ध नहीं होगा। कर्मचारियों को अपना निर्णय शीघ्रता से लेना चाहिए। यह बदलाव पेंशन benefits को प्रभावित करेगा।
विशेष एफडी योजनाओं की समाप्ति
कुछ बैंकों की विशेष सावधि जमा योजनाएं सितंबर में समाप्त हो रही हैं। इन योजनाओं में उच्च ब्याज दरों का लाभ मिल रहा था। निवेशक इन योजनाओं में निवेश करने का अवसर खो सकते हैं। समय रहते निवेश करना फायदेमंद हो सकता है।
जनधन खातों के लिए re-KYC
जनधन खाता धारकों के लिए re-KYC प्रक्रिया सितंबर में पूरी करना अनिवार्य है। इससे खातों के निष्क्रिय होने का खतरा टलेगा। बैंक ग्राहकों से संपर्क कर रहे हैं। खाताधारकों को अपनी जानकारी अपडेट करनी चाहिए।
चांदी के आभूषणों पर नया नियम
चांदी के आभूषणों पर हॉलमार्किंग का नया नियम एक सितंबर से लागू होगा। यह नियम अभी स्वैच्छिक आधार पर लागू किया जा रहा है। इससे ग्राहकों को शुद्धता का आश्वासन मिलेगा। ज्वेलर्स को इसकी तैयारी करनी होगी।
कैशलेस इलाज सुविधा में बदलाव
बजाज आलियांज बीमा पॉलिसी धारकों के लिए कैशलेस इलाज सुविधा प्रभावित हो सकती है। कई अस्पताल इस सुविधा को प्रदान करना बंद कर सकते हैं। पॉलिसी धारकों को अपने अस्पताल से पहले ही पुष्टि कर लेनी चाहिए। यह बदलाव स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के निर्देश पर हो रहा है।
