शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

सेंसेक्स और निफ्टी ने बनाए नए रिकॉर्ड: जानिए बाजार में आई जबरदस्त तेजी के 4 बड़े कारण

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Mumbai: भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को जबरदस्त तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने अपने नए 52-सप्ताह के उच्च स्तर को छू लिया। यह लगातार चौथा सत्र रहा जब बाजार हरे निशान पर बंद हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 700 अंकों से अधिक चढ़कर 84,656.56 के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 भी लगभग 1 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,926.20 के नए शिखर पर जा पहुंचा। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी करीब आधे प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई।

वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों ने भारतीय बाजार को मजबूती प्रदान की। एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई इंडेक्स 3 प्रतिशत से अधिक चढ़ा। हांगकांग का हैंग सेंग 2 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया का कोस्पी तथा चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 1 प्रतिशत तक बढ़े। जापानी बाजार में तेजी की वजह मीडिया रिपोर्ट्स में आई खबरें रहीं जिनमें देश में जल्द नया प्रधानमंत्री नियुक्त होने की बात कही गई।

चीन की अर्थव्यवस्था ने तीसरी तिमाही में 1.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज की। यह आंकड़ा बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप रहा। इसके अलावा चीन के औद्योगिक उत्पादन में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो अनुमान से अधिक थी। इन सभी सकारात्मक संकेतों का सीधा असर भारतीय बाजारों पर देखने को मिला। वैश्विक बाजारों में मजबूती ने निवेशकों के मनोबल को ऊंचा रखा।

रिलायंस के शेयरों में तेजी का बाजार पर असर

रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में सोमवार को करीब 3 प्रतिशत की उछाल देखी गई। शुक्रवार को कंपनी ने अपने दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए थे जो बाजार की उम्मीदों के अनुरूप रहे। रिलायंस के भारी वज़न वाले शेयरों में आई इस तेजी ने सेंसेक्स और निफ्टी दोनों को ऊपर खींचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुबह के कारोबार में रिलायंस, एचडीएफसी बैंक और इन्फोसिस जैसे दिग्गज स्टॉक्स शीर्ष योगदानकर्ताओं में शामिल थे।

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भारतीय कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे अब तक उम्मीदों के अनुरूप रहे हैं। अधिकांश बड़ी कंपनियों के मुनाफे या मार्जिन में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और उन्होंने खरीदारी जारी रखी है। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी.के. विजयकुमार ने कहा कि शुरुआती क्यू2 नतीजे आय में तेज रिकवरी का संकेत देते हैं।

कंपनियों के बेहतर नतीजों ने बढ़ाया भरोसा

एचडीएफसी बैंक और रिलायंस के परिणाम विशेष रूप से उत्साहजनक रहे हैं। एचडीएफसी बैंक की बेहतर एसेट क्वालिटी से बैंक निफ्टी में बनी तेजी आगे भी जारी रह सकती है। मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार वित्त वर्ष 2026 से भारतीय कंपनियों की आय वृद्धि दोहरे अंकों में पहुंच सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक निफ्टी की आय एफवाई26 में 8 प्रतिशत और एफवाई27 में 16 प्रतिशत सालाना दर से बढ़ने की उम्मीद है।

बाजार में यह उम्मीद भी तेजी की एक बड़ी वजह रही कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक दोनों ही निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिका में अक्टूबर और दिसंबर में 25-25 बेसिस पॉइंट्स की दो संभावित दर कटौती से डॉलर कमजोर हो सकता है। इससे उभरते बाजारों में विदेशी पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा।

ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने दी रफ्तार

ऑक्टेनॉम टेक और हेज्ड. इन के संस्थापक एवं सीईओ राहुल घोष ने कहा कि फेड की दर कटौती डॉलर को कमजोर करती है और उभरते बाजारों में पूंजी प्रवाह को बढ़ावा देती है। कमजोर डॉलर बाहरी ऋण लागत घटाता है और कमोडिटी व इक्विटी निवेश को सहारा देता है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के पास दिसंबर 2025 तक एक और दर कटौती की गुंजाइश है।

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तीन प्रतिशत से नीचे महंगाई रहने और मौद्रिक नीति की बैठक में नरम रुख अपनाने के संकेतों से यह संभावना मजबूत होती है कि रेपो रेट साल के अंत तक 5.50 प्रतिशत से घटकर 5.25 प्रतिशत तक आ सकता है। यह आशा बाजार के लिए एक बड़ा सहारा बनी हुई है। निवेशकों को उम्मीद है कि दरों में कमी से कॉर्पोरेट कर्ज लागत घटेगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

बाजार की इस तेजी में विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुख भी महत्वपूर्ण रहा। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय बाजारों में एफआईआई का पैसा आता रहा है। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भी खरीदारी जारी रखी है। बैंकिंग और वित्तीय सेक्टर के शेयरों में खासी तेजी देखी गई है। ऑटो और आईटी सेक्टर के शेयरों ने भी अच्छी बढ़त दर्ज की।

तेल की कीमतों में स्थिरता ने भी बाजार को सहारा दिया है। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दामों में उतार-चढ़ाव सीमित रहा है। इससे आयात बिल पर दबाव कम हुआ है और मुद्रास्फीति की आशंकाएं कम हुई हैं। रुपया डॉलर के मुकाबले स्थिर बना हुआ है जिससे विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। बाजार में अगले कुछ दिनों में और तेजी की संभावना दिख रही है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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