Himachal News: वरिष्ठ पत्रकार और टीवी एंकर अंजना ओम कश्यप के खिलाफ शिमला पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। उन पर वाल्मीकि समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। यह मामला एक टीवी चैनल पर प्रसारित कार्यक्रम में की गई विवादित टिप्पणी से जुड़ा है। पुलिस ने संबंधित कानूनों के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शिकायत बाबा साहेब अंबेडकर वेलफेयर सोसाइटी शिमला के अध्यक्ष प्रीत पाल मट्टू ने दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि 8 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखा। इस वीडियो में अंजना ओम कश्यप और मुख्य संपादक अरुण पुरी ने महर्षि वाल्मीकि के बारे में विवादित टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी से समुदाय की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा है।
कानूनी धाराओं के तहत दर्ज हुई एफआईआर
पुलिस ने इस मामले में दो महत्वपूर्ण कानूनी धाराएं लगाई हैं। पहली धारा 3(1)(v) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत है। दूसरी धारा 299 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह कदम धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के गंभीर आरोपों के मद्देनजर उठाया गया है।
शिकायतकर्ता प्रीत पाल मट्टू का कहना है कि यह सिर्फ एक समुदाय का मामला नहीं है। यह पूरे समाज के सम्मान से जुड़ा हुआ प्रश्न है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका मानना है कि इससे भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगेगी।
पंजाब में भी दर्ज है मामला
यह पहला मौका नहीं है जब अंजना ओम कश्यप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हुई है। इससे पहले पंजाब के लुधियाना में भी इसी मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। वहां भी उन पर और अरुण पुरी पर समान आरोप लगे थे। अब शिमला में दूसरी एफआईआर दर्ज होना मामले की गंभीरता को दर्शाता है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है। सभी पहलुओं और तथ्यों की छानबीन की जा रही है। संबंधित वीडियो और सबूत एकत्र किए जा रहे हैं। आरोपियों से पूछताछ की तैयारी की जा रही है। पुलिस पूरे मामले की तह तक जाएगी।
समुदाय में व्याप्त नाराजगी
इस मामले ने स्थानीय स्तर पर काफी चर्चा पैदा की है। वाल्मीकि समुदाय के लोग इस टिप्पणी से गहरा आहत हैं। उनका मानना है कि महान ऋषि का इस तरह का अपमान स्वीकार्य नहीं है। समुदाय के प्रतिनिधियों ने त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उन्हें उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है। जांच अधिकारी सभी पक्षों से बातचीत कर रहे हैं। मीडिया हाउस से भी जानकारी मांगी गई है। इस पूरे प्रकरण ने धार्मिक भावनाओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच के संतुलन पर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस जल्द ही आगे की कार्रवाई करेगी।
