Jammu And Kashmir News: भारतीय सेना की खुफिया टीम ने एक असामान्य इंटरनेट बातचीत को इंटरसेप्ट किया। इसके बाद एक चीनी नागरिक को हिरासत में लिया गया है। उस पर बिना अनुमति लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में घुसने के आरोप हैं। 29 वर्षीय हू कोंगताई की पूछताछ सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं। उन्हें बडगाम, श्रीनगर में हिरासत में लिया गया था।
हू कोंगताई बोस्टन यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में स्नातक हैं। उनके पासपोर्ट से पता चलता है कि उन्होंने अमेरिका और न्यूजीलैंड जैसे कई देशों की यात्रा की है। वह 19 नवंबर 2025 को एक टूरिस्ट वीजा पर नई दिल्ली पहुंचे थे। यह वीजा 30 दिसंबर 2025 तक वैध था।
वीजा नियमों का किया उल्लंघन
उनके वीजा पर केवल कुछ निर्धारित बौद्ध स्थलों पर जाने की अनुमति थी। इनमें वाराणसी, आगरा और जयपुर जैसे शहर शामिल थे। लेकिन उन्होंने 20 नवंबर को बिना जरूरी पंजीकरण कराए सीधे लेह के लिए उड़ान भर ली। लद्दाख और जम्मू-कश्मीर जाने के लिए विदेशियों को विशेष अनुमति लेनी होती है।
उन्होंने श्रीनगर में एक बिना पंजीकृत गेस्ट हाउस में ठहरने की व्यवस्था की। साथ ही उन्होंने स्थानीय बाजार से एक भारतीय सिम कार्ड भी खरीद लिया। विदेशी पर्यटकों के लिए यह नियमों का सीधा उल्लंघन माना जाता है। सेना द्वारा पकड़े गए संदेशों से एजेंसियों को सतर्क किया गया।
मोबाइल सर्च इतिहास से मिले संकेत
उनके मोबाइल फोन की जांच में चिंताजनक सर्च इतिहास सामने आया। इसमें कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ की तैनाती से संबंधित खोजें शामिल थीं। साथ ही अनुच्छेद 370 से जुड़ी सामग्री की तलाश भी देखी गई। यह अनुच्छेद 2019 में समाप्त कर दिया गया था।
उन्होंने कई संवेदनशील स्थानों का भी दौरा किया। इनमें हरवान का एक बौद्ध स्थल शामिल है। पिछले वर्ष यहां एक आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया गया था। उन्होंने अवंतीपुर के पुरातात्विक खंडहर भी देखे। यह स्थल सेना के एक महत्वपूर्ण मुख्यालय के निकट है।
श्रीनगर में उनकी गतिविधियों में शंकराचार्य पहाड़ी, हजरतबल दरगाह और मुगल गार्डन का दौरा शामिल था। इन सभी स्थानों की रणनीतिक एवं सुरक्षा के लिहाज से अहमियत है। इन हरकतों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी।
कई एजेंसियां कर रही हैं पूछताछ
हू कोंगताई को फिलहाल बडगाम के हुमहामा पुलिस पोस्ट पर रखा गया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो, सीआईडी और सैन्य खुफिया जैसी कई एजेंसियां उनसे पूछताछ कर रही हैं। पूछताछ का मुख्य फोकस उनकी यात्रा के वास्तविक उद्देश्य को समझना है।
अधिकारी यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या इस घटना का राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई प्रभाव पड़ सकता है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि उन्होंने वीजा शर्तों का उल्लंघन किया है। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें चीन वापस भेजे जाने की संभावना है।
इस मामले ने सीमा पार से आने वाले पर्यटकों पर नजर रखने के तरीकों पर फिर से बहस छेड़ दी है। खासकर संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता और जांच अत्यंत महत्वपूर्ण है। सुरक्षा बल लगातार ऐसी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं।
