Una News: हिमाचल प्रदेश के ऊना में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) विश्व देव मोहन चौहान को एक राष्ट्रीय महिला खिलाड़ी द्वारा दर्ज दुष्कर्म मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है। न्यायाधीश राकेश केंथला की अदालत ने सोमवार, 6 अक्टूबर को यह आदेश दिया। कोर्ट ने आरोपी एसडीएम को निर्देश दिया है कि वह पुलिस जांच में सहयोग करे। मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी, जब पुलिस अदालत में केस की स्टेटस रिपोर्ट पेश करेगी।
यह फैसला कोर्ट में हुए एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद आया है। पीड़िता की ओर से पेश वकील ने अदालत को सूचित किया था कि पीड़िता और आरोपी एसडीएम के बीच मामले का समझौता हो गया है। इस आधार पर पीड़ित पक्ष ने मामले को आगे न बढ़ाने का अनुरोध किया था। हाईकोर्ट ने इस समझौते की सच्चाई की पुष्टि के लिए राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी।
मामले की पृष्ठभूमि यह है कि एक राष्ट्रीय स्तर की ताइक्वांडो खिलाड़ी ने एसडीएम विश्व देव मोहन चौहान पर गंभीर आरोप लगाए थे। पीड़िता का आरोप था कि एसडीएम ने उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए थे। उसने पुलिस शिकायत में कहा था कि आरोपी अधिकारी ने उसके साथ 10 अगस्त को अपने दफ्तर के कमरे में और फिर 20 अगस्त को सरकारी गेस्ट हाउस में जबरन दुष्कर्म किया।
पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया था कि एसडीएम ने घटना का एक वीडियो बनाया और उसे सार्वजनिक करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश की। जब पीड़िता ने आरोपी से शादी करने की बात की तो उसने खुलासा किया कि उसकी सगाई पहले ही कहीं और हो चुकी है। इसके बाद 23 सितंबर को पीड़िता ने ऊना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच का निर्देश दिया। आयोग की अध्यक्ष विद्या नेगी ने स्वयं ऊना के पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात करके मामले की स्थिति जाननी चाही थी। इस दौरान एसडीएम लगभग दो सप्ताह तक भूमिगत रहे और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में नाकाम रही।
पुलिस ने आरोपी एसडीएम के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 69 और 351(2) के तहत मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने आरोपी के ठिकानों पर कई छापेमारी की, लेकिन वह उन्हें ढूंढ नहीं पाई। पुलिस ने केवल आरोपी एसडीएम की ऑडी कार को जब्त किया था।
हाईकोर्ट में इस मामले की कुल तीन सुनवाइयां हो चुकी हैं। 26 सितंबर को पहली सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने पुलिस से केस रिपोर्ट मांगी थी। 3 अक्टूबर को हुई सुनवाई में ही आरोपी के वकील ने पहली बार अदालत को दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते की जानकारी दी थी। तब अदालत ने इसकी पुष्टि के लिए पीड़िता को कोर्ट में पेश होकर बयान देने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत देने के बाद अब आरोपी एसडीएम को कानूनी राहत मिल गई है। कोर्ट के आदेश के बाद अब एसडीएम विश्व देव मोहन चौहान को पुलिस जांच में सहयोग देना होगा। अब न्यायिक प्रक्रिया की अगली कड़ी 16 अक्टूबर को होगी, जब पुलिस अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी और तय होगा कि मामला आगे किस दिशा में जाता है।
