शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

SDM विकास शुक्ला: महिला को कई बार बनाया हवस का शिकार, मारपीट भी की; मुख्य सचिव ने मंगवाई जांच रिपोर्ट

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Kullu News: हिमाचल प्रदेश के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगे हैं। कुल्लू के पूर्व एसडीएम रहे 2013 बैच के एचएएस अधिकारी विकास शुक्ला के खिलाफ एक महिला ने शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण और प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को तुरंत जांच का आदेश दिया है। विकास शुक्ला फिलहाल हमीरपुर जिले के सुजानपुर में एसडीएम के पद पर तैनात हैं।

महिला के अनुसार विकास शुक्ला ने उसे अपने विरुद्ध एक शिकायत मिलने का बहाना बनाकर अपने आवास पर बुलाया था। जैसे ही वह वहां पहुंची उन्होंने दरवाजा बंद कर उसका यौन शोषण किया। महिला ने पुलिस की शिकायत में आगे कहा है कि बाद में 24 सितंबर 2024 को शुक्ला ने माफी मांगने के बहाने उसे फिर से अपने आवास पर बुलाया। जब वह नहीं गई तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई।

आरोपों के मुताबिक जब महिला दबाव में आकर आवास पर पहुंची तो शुक्ला ने उसके पर्स से मोबाइल फोन जब्त कर लिया। महिला ने यह भी आरोप लगाया है कि शुक्ला ने दो बार उसका गर्भपात करवाया। एक अधिवक्ता द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि शुक्ला के साथ हुए एक समझौते में उन्होंने महिला को अपना दोस्त और तीन साल से जानने वाला स्वीकार किया था।

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मामला तब और गंभीर हो गया जब पता चला कि महिला ने इसकी शिकायत कुल्लू पुलिस से की थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस के रवैये पर सवाल उठाते हुए अधिवक्ता ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। उच्च न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक कुल्लू और विकास शुक्ला सहित सभी पक्षों से जवाब मांगा है।

समाजसेवी अश्वनी सैनी ने इस मामले की शिकायत राज्य महिला आयोग से भी की है। इस कदम ने प्रशासनिक अधिकारी पर लगे गंभीर आरोपों को और बल दिया है। अब मुख्य सचिव के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में तेजी से जांच की उम्मीद है।

पुलिस के रवैये पर उठ रहे सवालों के बीच यह मामला प्रशासनिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ लगे आरोपों में न्यायिक प्रक्रिया की चुनौती को दर्शाता है। उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप इस मामले में पारदर्शिता की उम्मीद जगाता है। अब न्यायालय और मुख्य सचिवालय दोनों स्तरों पर जांच चल रही है जिसके परिणामस्वरूप आरोपी अधिकारी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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विकास शुक्ला के खिलाफ लगे ये आरोप यदि सही साबित होते हैं तो यह मामला प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती बन जाएगा। महिला अधिकारों और न्यायिक प्रक्रिया के मामले में यह केस एक परीक्षण की तरह होगा। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने में इस मामले का परिणाम महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

हिमाचल प्रदेश सरकार के शीर्ष स्तर से हस्तक्षेप के बाद अब पूरे मामले की गहन जांच होगी। पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को भेजे गए ईमेल में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इससे स्पष्ट है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और आरोपी अधिकारी के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया पूरी करने का प्रयास कर रहा है।

मामले की जांच अब कई स्तरों पर चल रही है जिसमें उच्च न्यायालय, मुख्य सचिवालय और महिला आयोग शामिल हैं। इस बहु-स्तरीय जांच से मामले के सभी पहलुओं पर प्रकाशन पड़ने की उम्मीद है। साथ ही पीड़ित महिला को न्याय मिलने की संभावना भी बढ़ गई है। अगले कुछ दिनों में जांच की प्रगति इस मामले की दिशा तय करेगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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