Kullu News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां एक महिला पंचायत सचिव ने पूर्व एसडीएम विकास शुक्ला पर शादी का झांसा देकर यौन शोषण और गैंगरेप का प्रयास करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का आरोप है कि पुलिस ने एक साल बीत जाने के बाद भी उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। मजबूरन उसे हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा है, जहां उसने अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है।
महिला ने अपनी याचिका में बताया है कि वर्ष 2021 में एक जमीन विवाद के सिलसिले में एसडीएम विकास शुक्ला ने उन्हें अपने कार्यालय बुलाया था। इस दौरान उनका यौन शोषण किया गया और बाद में धमकी दी गई कि अगर उन्होंने किसी से शिकायत की तो उनका घर तुड़वा दिया जाएगा। महिला के अनुसार, आरोपी अधिकारी ने उन्हें शादी का झांसा देकर लगातार शोषण का शिकार बनाया।
आरोपों के मुताबिक, 24 अगस्त 2024 को एसडीएम शुक्ला ने महिला को धोखे से अपने आवास पर बुलाया। वहां उनके एक दोस्त की भी मौजूदगी थी। महिला ने दावा किया है कि उन दोनों ने मिलकर उसके साथ गैंगरेप करने का प्रयास किया। जब उसने विरोध किया तो उसे पीटा गया और उसके साथ हुई मारपीट का वीडियो भी बना लिया गया। महिला ने चोटिल होने की बात कही है और दावा किया है कि इसकी फोटो सबूत के तौर पर उसके पास हैं।
गर्भपात और पुलिस निष्क्रियता के आरोप
मामला और गंभीर तब हो गया जब महिला ने विकास शुक्ला पर दो बार उसका गर्भपात करवाने का भी आरोप लगाया। इन गंभीर आरोपों के बावजूद महिला का कहना है कि उसने कुल्लू पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। लगभग एक साल तक न्याय की प्रतीक्षा करने के बाद उसे हाईकोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी।
इस पूरे प्रकरण में एक विरोधाभासपूर्ण स्थिति भी सामने आई है। 24 अगस्त की घटना के बाद एसडीएम विकास शुक्ला ने ही पुलिस को सूचित किया था कि महिला उनके आवास पर हंगामा कर रही है। इसके बाद एसडीएम के दोस्त के खिलाफ भारतीय नागरिक संहिता की धारा 126 और 169 के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, बाद में दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हो गया था।
उच्च न्यायालय और प्रशासन की कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने भी हस्तक्षेप किया है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को इस मामले में त्वरित कार्रवाई के निर्देश देते हुए एक ईमेल लिखा है। वहीं, हाईकोर्ट ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।
न्यायालय ने कुल्लू की एसपी, महिला थाना कुल्लू, थाना कुल्लू और आरोपी विकास शुक्ला सहित अन्य लोगों से जवाब मांगा है। आरोपी अधिकारी विकास शुक्ला फिलहाल हमीरपुर जिले के सुजानपुर में एसडीएम के पद पर तैनात हैं। राइट न्यूज इंडिया की टीम ने आरोपी अधिकारी से इस मामले पर बात करने की कई बार कोशिश की, लेकिन उनका फोन नहीं लगा।
ऊना केस से मिलती-जुलती घटना
यह घटना हिमाचल प्रदेश में लगातार सामने आ रही ऐसी ही एक अन्य घटना की याद दिलाती है। हाल ही में ऊना जिले में एक महिला खिलाड़ी ने एसडीएम विश्व देव मोहन चौहान पर बलात्कार का आरोप लगाया था। उस मामले में भी आरोपी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज होने के बावजूद अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
कुल्लू की इस घटना ने एक बार फिर प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ लगने वाले गंभीर आरोपों और पीड़ितों को न्याय दिलाने में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित महिला द्वारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना इस बात का संकेत है कि उसे निचली स्तर पर न्याय की उम्मीद नहीं रह गई थी। अब सभी की नजरें हाईकोर्ट की आगामी सुनवाई पर टिकी हैं।
