Himachal Pradesh News: उपमंडल रोहडू की भलूण पंचायत के खड्डापानी स्कूल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां पहली कक्षा के एक छात्र की स्कूल परिसर में पिटाई की गई। आरोप है कि बच्चे के कान से खून निकल आया। इस मामले ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। परिजनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी साझा की।
बच्चे के पिता गया दास ने घटना का विवरण साझा किया। उन्होंने बताया कि उनका बेटा खड्डापानी स्कूल में पहली कक्षा का छात्र है। करीब पांच दिन पहले स्कूल में घटना घटी। स्कूल में बच्चों को पढ़ाने आने वाले एक व्यक्ति नीतिश ने उनके बच्चे के साथ मारपीट की। इस दौरान उसने बच्चे का कान जोर से पकड़ लिया।
कान पकड़ने की वजह से बच्चे के कान से खून निकल आया। इस घटना ने परिवार को सदमे में डाल दिया। परिजनों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। साथ ही सोशल मीडिया पर भी इस मामले को उठाया। इससे मामला तेजी से वायरल हो गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए विभागीय जांच शुरू हो गई है। खंड प्राथमिक शिक्षा अधिकारी यशवंत खिमटा ने शुक्रवार को स्कूल पहुंचकर मामले की जांच की। उन्होंने स्कूल प्रबंधन और स्टाफ से बातचीत की। घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की गई।
जांच में सामने आए महत्वपूर्ण तथ्य
खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि स्कूल में स्टाफ की कमी चल रही है। इस कमी को देखते हुए स्कूल प्रबंधन समिति ने आपसी सहमति से नीतिश को बच्चों को पढ़ाने के लिए रखा था। नीतिश बिना किसी शुल्क के बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहा था। उसकी पत्नी भी इसी स्कूल में बच्चों को पानी पिलाने का कार्य करती है।
जांच अधिकारी ने पूरी जांच रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट को उपमंडल अधिकारी रोहड़ू को सौंप दिया गया है। अब उच्च स्तर पर इस मामले की जांच होगी। बच्चे के साथ हुई घटना की हर बारीकी देखी जाएगी।
स्थानीय लोग इस घटना से स्तब्ध हैं। उनका कहना है कि स्कूल बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान होना चाहिए। ऐसी घटनाएं अभिभावकों के विश्वास को ठेस पहुंचाती हैं। लोग न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।
पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। बच्चे के परिजनों की शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है। स्कूल प्रबंधन से भी जानकारी ली जा रही है। आरोपी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी है।
शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। विभागीय स्तर पर पूरी तथ्यात्मक जांच चल रही है। स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय किए जाएंगे।
बच्चे का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने उसकी जांच की है। बच्चे के मानसिक आघात को देखते हुए परामर्श की भी व्यवस्था की जा सकती है। परिवार बच्चे के तेजी से ठीक होने की उम्मीद कर रहा है।
इस पूरे प्रकरण ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत को रेखांकित किया है। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे महत्वपूर्ण है। अधिकारी इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे। बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखना सबकी प्राथमिकता है।
